काठमांडू के प्रमुख पर्यटन क्षेत्र थमेल की गलियों में दुकानें, रेस्टोरेंट और पब तो दोबारा खुल गए हैं, लेकिन पर्यटकों की कमी के कारण सन्नाटा पसरा हुआ है. सरकार विरोधी हिंसा में 72 लोगों की मौत हुई है और 2 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे. नेपाल में हर साल करीब 12 लाख पर्यटक आते हैं. टूरिज्म देश की GDP का 8% योगदान देता है.
8 से 10% बुकिंग्स भी कैंसिल हो रही
नेपाल पर्यटन बोर्ड के CEO दीपक राज जोशी ने बताया कि टूरिस्ट की संख्या में 30% गिरावट आई है और बीते कुछ दिनों में बुकिंग रद्द होने की दर 8-10% रही है. सरकारी इमारतों और कुछ होटलों को नुकसान पहुंचने से पर्यटकों और निवेशकों दोनों पर बुरा असर पड़ सकता है. जोशी ने कहा कि हमें स्थिति को लेकर ईमानदार रहना होगा. अगर हालात सही नहीं हैं तो हम पर्यटकों को बुलाकर खतरे में नहीं डाल सकते.
राम चंद्र गिरी ट्रेकिंग आयोजन करते हैं और जापानी रेस्टोरेंट के मालिक हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं खाली बैठा हूँ क्योंकि पर्यटक नहीं आ रहे, सितंबर में कई ग्रुप्स ने अपनी बुकिंग रद्द कर दी है. मेरे 35% ग्राहकों ने ट्रिप कैंसिल कर दी है.’
विदेशी सरकारों की यात्रा चेतावनी
हिंसक प्रदर्शन के दौरान संसद भवन और काठमांडू का प्रसिद्ध हिल्टन होटल भी जलकर खाक हो गया है. विदेशी सरकारों ने अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है. इसमें नेपाल यात्रा से बचने की सलाह दी गई है. इससे नेपाल के पर्यटन को और झटका लगा है.
सितंबर से दिसंबर तक का समय सबसे व्यस्त ट्रेकिंग सीजन माना जाता है. यहां ज्यादातर लोग माउंट एवरेस्ट का बेस कैंप ट्रेक करने आते हैं. एक होटल संचालक रेणु बानिया ने कहा कि अगले महीने की सभी बुकिंग्स पूरी तरह रद्द हो चुकी हैं.
नई सरकार आने के बाद शांति की उम्मीद
सुशीला कर्की के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनने के बाद नेपाल में धीरे-धीरे शांति लौट रही है, लेकिन काठमांडू के कई हिस्सों में अभी भी जले हुए वाहनों और इमारतों के मलबे को साफ किया जा रहा है और धुएं की गंध फैली हुई है. नेपाल के पर्यटन अधिकारी और कारोबारी अब भी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि हालात सामान्य होने पर पर्यटक वापस लौटेंगे. नई सरकार के लिए चुनाव 5 मार्च 2026 को होने हैं.