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Thursday, October 17, 2024

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हमारी सांसें थम रहीं, प्लीज मदद कीजिए; जयशंकर के दौरे से पहले क्यों गिड़गिड़ा रहा पाकिस्तान

उन्होंने कहा कि हर साल सर्दियों के दिनों में सांसों पर संकट आ खड़ा होता है। इसलिए इससे निपटने के लिए हमें कूटनीतिक कोशिशें करनी चाहिए और भारत से इस मसले पर बातचीत करनी चाहिए और मदद लेनी चाहिए।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवीज शरीफ की बेटी और पाकिस्तान पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने प्रदूषण और धुंध की भयानक समस्या से निपटने के लिए भारत से ‘जलवायु कूटनीति’ की वकालत की है। उन्होंने पंजाब की राजधानी लाहौह में “मुख्यमंत्री जलवायु नेतृत्व विकास इंटर्नशिप कार्यक्रम” के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए भारत से जलवायु कूटनीति के तहत बातचीत और मदद की गुहार लगाई। उन्होंने यह आह्वान ऐसे समय पर किया है, जब कुछ ही दिनों बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई सहयोग शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अगले हफ्ते पाकिस्तान जाने वाले हैं।

जियो टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की भतीजी मरियम ने कहा, “हमें उनसे बात करनी चाहिए।” लाहौर में धुंध की समस्या का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री मरियम ने भारत के साथ जलवायु कूटनीति की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि लाहौर दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है। उन्होंने कहा कि हर साल सर्दियों के दिनों में सांसों पर संकट आ खड़ा होता है। इसलिए इससे निपटने के लिए हमें कूटनीतिक कोशिशें करनी चाहिए और भारत से इस मसले पर बातचीत करनी चाहिए और मदद लेनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अपने राज्य में धुआं छोड़ने वाले वाहनों की निगरानी करवा रही हैं और वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करवा रही हैं। प्रदूषण से निपटने के प्रभावी उपायों की जरूरत पर बल देते हुए मरियम ने कहा कि केवल “एक बटन दबाने” से धुंध को नियंत्रित नहीं किया जा सकता। इसके लिए हमें जलवायु कूटनीति का सहारा लेना पड़ेगा। उन्होंने धुंध को कम करने के लिए भारत के साथ मिलकर समन्वित प्रयास करने पर जोर दिया है। बता दें कि ठंड के दिनों में पराली जलने से होने वाले धुएं सीमा पार कर पाकिस्तान तक जा पहुंचते हैं। इस वजह से ठंड के मौसम में पाकिस्तान पंजाब में धुंध की समस्या और सांस लेने में तकलीफ के मामले बढ़ जाते हैं। लाहौर और दिल्ली दुनिया के प्रदूषित शहरों में शुमार हैं।

विदेश मंत्री जयशंकर की यह विदेश यात्रा लगभग एक दशक में अपने तरह की पहली आधिकारिक यात्रा है। हालांकि, जयशंकर पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि इस यात्रा के दौरान द्विपक्षीय संबंधों पर कोई बातचीत या चर्चा नहीं होगी क्योंकि भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक संबंधों में पिछले कई सालों से ठहराव बना हुआ है। दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण और उतार-चढ़ाव वाले संबंध रहे हैं। पुलवामा हमले के बाद भारत ने इस्लामाबाद से अपने राजनयिक संबंध कम कर लिए थे और दृढ़ता से इस बात पर कायम है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद पर दोहरा रवैया नहीं छोड़ता और आतंकियों पर नकेल नहीं कसता, तब तक भारत उसके साथ बातचीत नहीं करेगा।

बता दें कि एससीओ शिखर सम्मेलन 15 और 16 अक्टूबर, 2024 को इस्लामाबाद में होने वाला है। शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के कई शासनाध्यक्ष भाग लेंगे, जिसमें भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस. जयशंकर भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन एक अंतर-सरकारी संगठन है जो यूरेशिया में राजनीतिक, आर्थिक, रक्षा और सुरक्षा मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है। इसका नेतृत्व मुख्य रूप से राष्ट्राध्यक्ष परिषद (एचएससी) और शासनाध्यक्ष परिषद (एचजीसी) द्वारा किया जाता है।

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