भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को भयंकर बिकवाली देखने को मिली मार्केट का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स करीब 700 अंक नीचे आकर बंद हुआ और निफ्टी 50 भी 25,150 के लेबल पर आ गया. मार्केट की गिरावट में निवेशकों को तगड़ा झटका लगा है. एक ही दिन में इंवेस्टर्स के 3.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूब गए.
शेयर बाजार का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स अपने पिछले बंद स्तर 83,190.28 के मुकाबले आज 82,820.76 पर खुला था. जो कि कारोबार के समय करीब 1 प्रतिशत नीचे गिर गया था. वहीं, निफ्टी 50 में भी भयानक गिरावट देखने को मिली. आखिरी में सेंसेक्स 690 अंक यानी 0.83 प्रतिशत की गिरावट के साथ 82,500.47 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 205 अंक यानी 0.81 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,149.85 पर बंद हुआ. इस दौरान बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप भी घट गया और निवेशकों को एक ही दिन में 3.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान झेलना पड़ा.
ये रहा सेक्टर्स का हाल
आज के कारोबार में जहां एक ओर HUL जैसी FMCG कंपनियों में रैली देखी गई. वहीं ऑटो सेक्टर दबाव के साथ बंद हुआ. FMCG और फॉर्मा में आधे प्रतिशत की तेजी आई तो आई और ऑटो ने 2 प्रतिशत तक गोता लगा दिया.
अगर सिर्फ सेंसेक्स पर लिस्टेड 30 कंपनियों की बात करें, तो उनमें हिंदुस्तान यूनिलीवर ही करीब 5 प्रतिशत की तेजी साथ बंद हुआ साथ में एक्सिस बैंक और सनफॉर्मा भी हरे निशान के साथ क्लोज हुआ. दूसरी तरफ सबसे ज्यादा बिकवाली टाटा ग्रुप की कंपनी टीसीएस और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में देखने को मिली. टीसीएस का स्टॉक 3.46 फीसदी की गिरावट के साथ 3265.40 रुपये पर बंद हुआ.
क्यों आई भारतीय बाजार में गिरावट
- पहली तिमाही के खराब नतीजे- मार्केट की प्रमुख कंपनियों ने अपनी पहली तिमाही के रिजल्ट घोषित करना शुरू कर दिया है. इस क्रम में 10 जुलाई को आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी टीसीएस ने पहले क्वार्टर के रिजल्ट का ऐलान किया, जो कि उम्मीद के मुताबिक नहीं था. इसका असर आज के मार्केट पर भी पड़ा आईटी सेक्टर में दबाव देखा गया और खासतौर पर टीसीएस करीब 4 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ.
- ग्लोबल टेंशन का बढ़ना-अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार से टैरिफ वॉर छेड़ दिया है. उन्होंने जापान, कनाडा सहित कई देशों को टैरिफ पत्र सौंप दिया. साथ ही कहा कि जिन देशों को अभी लेटर नहीं मिला है. उन पर टैरिफ दरें वर्तमान 10 प्रतिशत से अधिक, 15 प्रतिशत या 20 प्रतिशत निर्धारित की जा सकती हैं. ट्रंप के टैरिफ पर लिए फैसले से ग्लोबल टेंशन एक बार फिर से बढ़ रही है, जिसने भारतीय मार्केट में भी निवेशकों को बचकर निवेश करने पर मजबूर किया है.
- निवेशक चुन रहे हैं सेफ ऑप्शन- टैरिफ की धमकियों के बीच अब निवेशक इंवेस्ट करने का सेफ ऑप्शन चुन रहे हैं. शेयरों की जगह गोल्ड जैसे निवेश ऑप्शन निवेशकों का ज्यादा ध्यान खींच रहे हैं.