हत्या के बाद इस झूठ ने बढ़ाई निमिषा की मुसीबत? यमन से तलाल महदी के भाई ने बता दी पूरी कहानी

हत्या के बाद इस झूठ ने बढ़ाई निमिषा की मुसीबत? यमन से तलाल महदी के भाई ने बता दी पूरी कहानी
यमन में निमिषा प्रिया की मुश्किलें बढ़ीं.

केरल की रहने वाली भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की यमन में फांसी पर भले ही फिलहाल रोक लग गई हो, लेकिन एक बयान से उनकी मुश्किल फिर बढ़ गई है. दरअसल मृतक तलाल अब्दो महदी के परिवार ने समझौते और माफी की सभी कोशिशों को सिरे से खारिज कर दिया है.

इस बीच तलाल महदी के भाई अब्देलफतह महदी ने एक भावुक और सख्त बयान देते हुए साफ कर दिया कि उनके परिवार के लिए सिर्फ और सिर्फ क़िसास यानी बदले की कार्रवाई ही मंजूर है.

“खून माफ नहीं किया जा सकता”

फांसी पर रोक लगने के बाद तलाल महदी के भाई अब्देलफतह ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि अब जब फांसी टली है तो ये हमारे लिए दुखद है, क्योंकि हमने हर तरह के समझौते और दिया के प्रस्तावों को पहले ही ठुकरा दिया था. जो लोग ये फांसी रोकने में लगे हैं, वे जानते हैं कि हम किसी भी तरह की सुलह को स्वीकार नहीं करते.

परिवार का आरोप: झूठ से और बढ़ी पीड़ा

अब्देलफतह महदी का आरोप है कि हत्या के बाद न सिर्फ सच्चाई को दबाया गया, बल्कि झूठी कहानियां गढ़कर उनके परिवार की तकलीफ को और बढ़ाया गया. बीबीसी से बातचीत में उन्होंने कहा कि हम केवल उस दर्दनाक अपराध से नहीं टूटे हैं, बल्कि इसके बाद चला लंबा और थकाऊ मुकदमा भी हमारे लिए किसी यातना से कम नहीं रहा. ये एक जघन्य और बिल्कुल स्पष्ट अपराध था. दरअसल निमिषा पर आरोप है कि उन्होंने तलाल को बेहोशी की दवा की ज्यादा मात्रा देकर मार डाला और फिर शव के टुकड़े कर दिए.

हालांकि, उन्होंने कोर्ट में दावा किया कि तलाल महदी ने उनका शारीरिक और मानसिक शोषण किया, पैसे छीने, पासपोर्ट जब्त किया और बंदूक दिखाकर धमकाया. लेकिन अब्देलफतह ने इन सभी बातों को सिरे से नकारते हुए कहा है कि इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है. मेरे भाई ने कभी भी निमिषा को धमकाया या पासपोर्ट ज़ब्त नहीं किया. ये सब कहानी गढ़ी गई ताकि अपराध को न्यायसंगत ठहराया जा सके. उनका साफ कहना है कि “निमिषा के पक्ष से जो भी शोषण की कहानी सामने आई है, वह झूठ और अफवाह से ज्यादा कुछ नहीं.

क्या है मामला?

निमिषा प्रिया को 2020 में यमन की अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. 2017 में उन्होंने अपने यमनी बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या कर दी थी. दावा है कि महदी निमिषा को यातनाएं देता था और भारत वापस जाने से रोक रहा था. इसी दौरान महदी की हत्या हुई, जिसका शव बाद में टुकड़ों में मिला. 16 जुलाई 2025 को निमिषा की फांसी तय थी, लेकिन 15 जुलाई को यमन प्रशासन ने इसे स्थगित कर दिया. इसकी पुष्टि भारत के प्रमुख सुन्नी धर्मगुरु कंथापुरम ए. पी. अबूबकर मुसलियार ने भी की. उन्होंने यमन के प्रभावशाली विद्वानों से बात कर निमिषा के पक्ष में दखल दिया था. इसके बाद यमन की एक सरकारी चिट्ठी में फांसी रोकने की सूचना दी गई.