छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है, जहां उसने दो दिनों में दो लाख के इनामी समेत आठ माओवादियों को गिरफ्तार किया है, साथ ही टिफिन बम समेत काफी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की है।
माओवादियों के खिलाफ मानसून में भी लगातार ऑपरेशन जारी है। सूचना मिलते ही लगातार सर्चिंग अभियान चलाया जा रहा है जिसमें जवानों को सफलताएं भी मिल रही हैं। दो दिनों में दो लाख के इनामी समेत आठ माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है, साथ ही टिफिन बम समेत विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है। सभी माओवादियों से पूछताछ की गई, जिसके बाद न्यायालय में पेश किया गया, जहां से वे सभी न्यायिक रिमांड पर जेल भेजे गए।
पुलिस को मिली थी सूचना
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक सूचना मिली थी कि केरलापाल थानाक्षेत्र के गोगुंडा इलाके में माओवादियों एकत्रित हुए हैं और घटना करने के फिराक में हैं। इसके बाद केरलापाल थाने से जिला बल, डीआरजी और सीआरपीएफ 159 बटालियन के जवानों को सर्चिंग ऑपरेशन के लिए भेजा गया।
जवानों ने पकड़ा दो लाख का इनामी माओवादी
जवान सर्चिंग करते हुए गोगुड़ा, पोंगाभेज्जी और रबड़ीपारा के जंगलों में तीन माओवादियों को पकड़ने में कामयाब हुए। जिसमें दो लाख का इनामी माओवादी पोड़ियामी नंदा (मिलिशिया कमांडर), हेमला जोगा (मिलिशिया सदस्य) और हेमला गंगा (मिलिशिया सदस्य) के रूप में पहचान हुई।
काफी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद
ये सभी पिछले कई सालों से माओवाद संगठन में काम कर रहे थे, साथ ही उनके पास से दो नग टिफिन बम, डेटोनेटर, जिलेटिन रॉड, कोर्डेक्स वायर समेत विस्फोटक सामग्री बरामद की गई। ये सामग्री जवानों को नुकसान पहुंचाने के उद्वेश्य थी। सभी से पूछताछ की गई, उसके बाद न्यायालय में पेश किया गया जहां से सभी को न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया।
विस्फोटक सामग्री के साथ पांच गिरफ्तार
वहीं एक दिन पहले शुक्रवार को जिले के जगरगुड़ा थानाक्षेत्र में सर्चिंग अभियान के दौरान सुरक्षाबल के जवानों ने पांच माओवादियों को गिरफ्तार किया था। उनके पास से एक टिफिन बम समेत विस्फोटक सामग्री बरामद की। टिफिन बम को मौके पर ही डिफ्यूज किया गया।
गिरफ्तार माओवादियों की पहचान हमेला मुया, कवास नंदा, हेमला देवा, मुचाकि जोगा और वेट्टी भीमा थी। सभी ने पिछले कई सालों से माओवाद संगठन से जुड़े होने और काम करना स्वीकार किया। वहीं विस्फोटक सामग्री का उपयोग सुरक्षाबल के जवानों को नुकसान पहुंचाने के उद्वेश्य से प्लांट करना स्वीकार किया। सभी से पूछताछ की गई और न्यायालय में पेश किया गया और वहां से जेल भेजा गया।