भारतीय शेयर बाजार में जून 2025 तिमाही में फंड जुटाने की रफ्तार ने सभी को चौंका दिया है. बल्क और ब्लॉक डील्स (B&B) के जरिए जुटाई गई रकम में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. इक्विरस कैपिटल के डेटा के मुताबिक, इस तिमाही में 1.7 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए, जो पिछली तिमाही के मुकाबले 118.9% ज्यादा है. हालांकि, पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में यह आंकड़ा सिर्फ 3.3% बढ़ा है. कुल मिलाकर, B&B, IPO, QIP और राइट्स इश्यू जैसे तमाम रास्तों से जुटाई गई रकम 2.2 लाख करोड़ रुपये रही, जो पिछली तिमाही से 103.5% और पिछले साल से 10.8% ज्यादा है.
बाजार में लौटी रौनक, निवेशकों का भरोसा बढ़ा
इक्विरस कैपिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर और इनवेस्टमेंट बैंकिंग हेड भावेश शाह का कहना है, “इस तिमाही में फंड जुटाने में आई तेजी का सीधा कनेक्शन सेकेंडरी मार्केट में लौटे जोश से है.” बाजार में निवेशकों का भरोसा बढ़ा है, जिसका असर फंड जुटाने की गतिविधियों पर साफ दिख रहा है. अप्रैल-जून 2025 में BSE सेंसेक्स में करीब 10% की तेजी देखी गई, जो विदेशी और घरेलू निवेशकों की मजबूत खरीदारी से आई. नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी-मार्च 2025 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 1.2 लाख करोड़ रुपये निकाले थे, लेकिन अप्रैल-जून में उन्होंने 38,673 करोड़ रुपये का निवेश किया.
तिमाही फंड जुटाने की जानकारी (₹ करोड़ में)
साधन | जून ’25 | मार्च ’25 | QoQ परिवर्तन (%) | जून ’24 | YoY परिवर्तन (%) |
बल्क और ब्लॉक डील्स | 1,65,622 | 75,665 | 118.9 | 1,60,268 | 3.3 |
आईपीओ | 29,652 | 15,723 | 88.6 | 18,159 | 63.3 |
क्यूआईपी | 15,445 | 14,048 | 9.9 | 14,171 | 9.0 |
राइट्स इश्यू | 7,644 | 1,881 | 306.4 | 4,495 | 70.1 |
कुल | 2,18,363 | 1,07,317 | 103.5 | 1,97,093 | 10.8 |
एफपीआई प्रवाह (₹ करोड़ में)
महीना | नेट एफपीआई प्रवाह |
जनवरी | -78,027 |
फरवरी | -34,574 |
मार्च | -3,973 |
अप्रैल | 4,223 |
मई | 19,860 |
जून | 14,590 |
6 महीनों का कुल | -77,901 |
सेंसेक्स रिटर्न (% में)
अवधि | रिटर्न (%) |
जनवरी-मार्च 2025 | -1.4 |
अप्रैल-जून 2025 | 10 |
IPO और राइट्स इश्यू में दिखा जोश
IPO बाजार में भी इस तिमाही में जबरदस्त हलचल देखने को मिली. IPO के जरिए जुटाई गई रकम में 88.6% की बढ़ोतरी हुई और यह आंकड़ा 29,652 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. इसके अलावा, राइट्स इश्यू के जरिए जुटाई गई रकम में चार गुना उछाल आया और यह 7,644 करोड़ रुपये रही. कंपनियों ने अपने बैलेंस शीट को मजबूत करने के लिए शेयरहोल्डर्स के भरोसे पर जोर दिया, जिसका नतीजा इस शानदार आंकड़े के रूप में सामने आया.
निवेशकों के भरोसे से बदली बाजार की चाल
भावेश शाह का कहना है कि IPO में निवेश करने वाले लोग आमतौर पर सेकेंडरी मार्केट में भी सक्रिय रहते हैं. जब बाजार का प्रदर्शन खराब होता है, तो न सिर्फ उनके मौजूदा पोर्टफोलियो पर असर पड़ता है, बल्कि नए निवेश के लिए उनकी भूख भी कम हो जाती है. लेकिन इस बार बाजार में स्थिरता और घरेलू निवेशकों की मजबूत भागीदारी ने फंड जुटाने की रफ्तार को बनाए रखा है. शाह का मानना है कि अगर सेकेंडरी मार्केट में स्थिरता बनी रही और घरेलू निवेशकों का भरोसा कायम रहा, तो यह तेजी आगे भी जारी रह सकती है.
ब्लॉक डील्स में औसत सौदों का आकार बढ़ा
हालांकि B&B डील्स की कुल वैल्यू में इजाफा हुआ, लेकिन इन सौदों की संख्या में कमी आई. जून तिमाही में 3,003 सौदे हुए, जो पिछली तिमाही के 3,461 सौदों से कम हैं. इसका मतलब है कि प्रति सौदे का औसत आकार बढ़ा है. यह इस बात का संकेत है कि बड़े निवेशक और संस्थागत खरीदार अब बड़े सौदों पर फोकस कर रहे हैं.
बाजार के जानकारों का मानना है कि अगर वैश्विक और घरेलू आर्थिक परिस्थितियां अनुकूल रहीं, तो फंड जुटाने की यह रफ्तार बरकरार रह सकती है. निवेशकों का बढ़ता भरोसा और बाजार की स्थिरता इस तेजी को और हवा दे सकती है. खास तौर पर IPO और राइट्स इश्यू जैसे रास्तों से कंपनियां अपनी वित्तीय स्थिति को और मजबूत करने की कोशिश में हैं.