राजधानी रायपुर में कुत्तों के काटने के मामले चिंताजनक रफ्तार से बढ़ रहे हैं। डॉ. आंबेडकर अस्पताल और जिला स्वास्थ्य कार्यालय से मिले आंकड़े बताते हैं कि साल 2025 के शुरुआती सात महीनों में डाग बाइट के मरीजों की संख्या पिछले साल की तुलना में लगभग दोगुनी हो गई है।
इस साल जनवरी से जुलाई तक आंबेडकर अस्पताल में 2515 मरीज अस्पताल की ओपीडी में इलाजके लिए पहुंचे, जबकि साल 2024 में इन्हीं सात महीनों में यह संख्या 1333 थी। वहीं जिले के अन्य दूसरे सरकारी अस्पतालों में तकरीबन पांच हजार डाग बाइट के मामले इन सात महीने में पहुंच चुके हैं।
अस्पताल प्रशासन के अनुसार, औसतन रोजाना 20 से अधिक लोग कुत्तों के काटने के बाद अस्पताल पहुंच रहे हैं। इनमें बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं। डॉक्टरों का कहना है कि समय पर एंटी-रेबीज टीका लगवाना बेहद जरूरी है, अन्यथा रेबीज जैसी जानलेवा बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
डॉ. आंबेडकर अस्पताल में पहुंचे इतने मामले
साल 2024 के आँकड़ों के मुताबिक जनवरी में 272, फरवरी में 212, मार्च में 239, अप्रैल में 202, मई में 191, जून में 205 और जुलाई में 239 मरीज दर्ज किए गए थे।
साल 2025 में जनवरी में 366, फरवरी में 337, मार्च में 442, अप्रैल में 273, मई में 378, जून में 337 और जुलाई में 382 मामले सामने आए। सिर्फ 7 महीने में 1182 केस ज्यादा तुलनात्मक रूप से देखें तो इस साल केवल सात महीने में पिछले साल से मरीज अधिक अस्पताल पहुंचे हैं।
गौरतलब है कि यह वृद्धि न केवल चिंताजनक है बल्कि नगर निगम और जिला प्रशासन के लिए चेतावनी भी है कि आवारा कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण और जागरूकता अभियान दोनों की जरूरत है।
बचाव ही सबसे बड़ा उपाय
अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सकों का कहना है कि डाग बाइट के मामले में घाव को तुरंत साबुन और साफ पानी से धोना चाहिए और जल्द से जल्द अस्पताल जाकर टीका लगवाना चाहिए। देरी से इलाज लेने पर संक्रमण फैल सकता है और रेबीज का खतरा बढ़ जाता है, जो लगभग हमेशा घातक साबित होता है।
नगर निगम पर उठ रहे सवाल
शहर में आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ने से लोगों में दहशत का माहौल है। सुबह और शाम के समय सड़कों, पार्कों और कालोनियों में झुंड के रूप में घूमते कुत्ते कई बार राहगीरों और दोपहिया सवारों पर हमला कर देते हैं। नरेश साहू कहते है कि नगर निगम द्वारा कुत्तों की नसबंदी और नियंत्रण के प्रयास पर्याप्त नहीं हैं।
सभी अस्पताल में एंटी रेबीज टीका पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, लोगों को जागरुक रहना होगा डाग बाइट का मामला होने पर 24 घंटे के भीतर एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवा ले।
-सीएमएचओ मिथिलेश चौधरी