साड़ी बदली…सलवार काटी तब परीक्षा केंद्र में मिली एंट्री, प्रयोगशाला परिचारक परीक्षा 2025 में ड्रेस कोड नियमों से परीक्षार्थी हुए परेशान

साड़ी बदली…सलवार काटी तब परीक्षा केंद्र में मिली एंट्री, प्रयोगशाला परिचारक परीक्षा 2025 में ड्रेस कोड नियमों से परीक्षार्थी हुए परेशान

व्यापम की ओर से आयोजित प्रयोगशाला परिचारक भर्ती परीक्षा (Laboratory Attendant Exam 2025) में ड्रेस कोड के कड़े नियमों ने परीक्षार्थियों की परेशानी बढ़ा दी। किसी को सलवार काटनी पड़ी, किसी को साड़ी बदलनी पड़ी, तो कुछ को बालियां उतारनी पड़ीं। काले कपड़े या तय ड्रेस कोड से अलग पहनावा होने के कारण कई परीक्षार्थी परीक्षा से वंचित भी रह गए।

व्यापमं की ओर से शनिवार को राज्यभर में प्रयोगशाला परिचारक भर्ती परीक्षा (Laboratory Attendant Exam) का आयोजन किया गया। रायपुर जिले में कुल 33 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की गई, जिनमें 11,774 पंजीकृत अभ्यर्थियों में से 10,006 अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया। शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित इस परीक्षा में अभ्यर्थियों की उपस्थिति लगभग 88% रही।

कुछ सवालों ने परीक्षार्थियों को किया हैरान

परीक्षा में सामान्य ज्ञान, विज्ञान और छत्तीसगढ़ राज्य से जुड़े विविध विषयों से सवाल पूछे गए। कुछ सवालों ने परीक्षार्थियों को हैरान भी किया, जैसे– छत्तीसगढ़ का पहला नक्सल मुक्त गांव कौन सा है? इसका सही उत्तर है – बड़ेसट्टी गांव, जो सुकमा जिले के किस्टाराम क्षेत्र में स्थित है। इसी तरह एक अन्य सवाल था– रायपुर वैगन रिपेयर शाप का संचालन कब प्रारंभ हुआ? इसका सही उत्तर है– वर्ष 1966। यह सवाल रेलवे से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों को परखने के उद्देश्य से पूछा गया था।

विषय से आए 60 अंकों के प्रश्न

परीक्षा में विज्ञान विषय से 60 अंकों के प्रश्न शामिल थे, जिसमें रसायन, भौतिकी और जीव विज्ञान के बुनियादी सवाल थे। अधिकांश अभ्यर्थियों का कहना था कि पेपर का स्तर मध्यम था, लेकिन सामान्य ज्ञान के सवालों में राज्य विशेष की जानकारी होने पर ही सही उत्तर संभव था। कलर कोड पर फिर उलझन, कई जगह विवाद परीक्षा केंद्रों पर इस बार भी अभ्यर्थियों को ड्रेस कोड को लेकर असमंजस का सामना करना पड़ा।

अभ्यर्थी को प्रवेश से पहले अपनी साड़ी बदलनी पड़ी

कई जिलों से ऐसे मामले सामने आए, जहां परीक्षार्थियों के कपड़ों के रंग पर आपत्ति की गई। धमतरी में एक महिला अभ्यर्थी को परीक्षा केंद्र में प्रवेश से पहले अपनी साड़ी बदलनी पड़ी। वहीं कुछ केंद्रों पर अभ्यर्थियों के कपड़ों को कैंची से काटे जाने की तस्वीरें भी सामने आईं। व्यापम की ओर से हर परीक्षा में रंगों को लेकर जारी किए गए दिशा-निर्देशों के बावजूद कई बार यह स्पष्ट नहीं हो पाता कि किस रंग के वस्त्र अनुमति योग्य हैं और किन पर प्रतिबंध है। इससे परीक्षार्थियों में भ्रम और तनाव की स्थिति उत्पन्न होती है।