सहारा चिटफंड घोटाला मामले में ग्वालियर उपभोक्ता फोरम ने सहारा इंडिया के एमडी, करुणेश अवस्थी की जमानत निरस्त कर दी है। फोरम ने आरोपित के जमानती मुचलके जब्त किए और गिरफ्तारी वारंट जारी कर उसे अगली पेशी पर पेश होने का आदेश दिया। करुणेश अवस्थी को मार्च 2023 में जमानत मिली थी, लेकिन वह शर्तों का पालन नहीं कर पाया, जिससे उसकी जमानत रद्द कर दी गई।
फोरम ने लखनऊ पुलिस कमिश्नर को करुणेश अवस्थी के गिरफ्तारी वारंट की तामील कर उसे अगली तिथि पर पेश करने के निर्देश भी दिए हैं। इतना ही नहीं, इस मामले में सहारा ग्रुप के विभिन्न एमडी जो इस धोखाधड़ी के मामले में आरोपित हैं, सभी के खिलाफ वारंट जारी कर दिए हैं।
इस मामले में शिकायतकर्ता की ओर से पैरवी करने वाले सत्य शर्मा ने बताया कि सहारा चिटफंड में लोगों की मेहनत की कमाई के करोडों रुपये खुर्द-बुर्द कर दिए गए थे। इस मामले में कंपनी के एमडी करुणेश अवस्थी को आरोपित बनाया गया, जिसके चलते वह जेल भी रहा।
जमानत की शर्तें नहीं की पूरी
बीते वर्ष उसे मार्च माह में इस शर्त पर जमानत मिली थी कि वह हर पेशी पर हाजिर होगा। साथ ही लोगों के पैसे भी वापस करेगा, लेकिन एक वर्ष में न तो उसने 55 मामलों में से एक में भी रकम वापस की और न ही छह पेशियों में से एक में भी हाजिर हुआ।
फोरम में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने जमानत को निरस्त करने की याचिका दायर की, जिसके बाद फोरम ने अपना आदेश सुनाते हुए आरोपित के वारंट जारी कर दिए।