छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में जगरगुंडा से लगे पटेल पारा कमारगुड़ा गांव की निवासी 56 वर्षीय महिला बंडी मुरियामी 6 दिनों से बीमार थी। उसके परिजनों ने शनिवार को 108 पर कॉल कर एम्बुलेंस बुलाई, लेकिन पहुंच विहीन इलाका होने और बरसात की वजह से दंतेवाड़ा से गई एम्बुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकी। इसकी वजह से महिला की अस्पताल में मौत हो गई।
आधुनिक दौर में भी दक्षिण बस्तर के गांवों व मजरे-टोले तक सड़क नहीं बनने की वजह से ग्रामीणों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है और इलाज में देरी की वजह से मरीज जान गंवा रहे हैं। जगरगुंडा से लगे पटेल पारा कमारगुड़ा गांव की निवासी 56 वर्षीय महिला बंडी मुरियामी 6 दिनों से बीमार थी।
बारिश की वजह से गांव तक नहीं पहुंच सकी एम्बुलेंस
उसके परिजनों ने शनिवार को 108 पर कॉल कर एम्बुलेंस बुलाई, लेकिन पहुंच विहीन इलाका होने और बरसात की वजह से दंतेवाड़ा से गई एम्बुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकी।
इलाज में देरी बनी मौत की वजह
ग्रामीणों ने बीमार महिला को खाट पर रखकर कंधे पर ढोकर 15 किमी दूरी तय कर नहाड़ी पटेल पारा आई एम्बुलेंस तक पहुंचाया। इसके बाद एम्बुलेंस में ईएमटी रेशमा कड़ियाम पायलट अशोक सिंह ठाकुर ने प्राथमिक उपचार देकर जिला अस्पताल तक पहुंचाया, लेकिन इलाज में देरी की वजह से महिला को बचाया नहीं जा सका।
मरीज के पुत्र सुक्का मुरियामी ने बताया कि 108 के कर्मचारी व हॉस्पिटल के स्टाफ ने सही काम किया, लेकिन रोड की स्थिति खराब होने के कारण समय पर अस्पताल नहीं पहुंचा सके।