सऊदी के कॉमेडी फेस्टिवल विवादों के घेरे में.
सऊदी अरब में पहला वैश्विक कॉमेडी फेस्टिवल चल रहा है. यह फेस्टिवल 26 सितंबर से 9 अक्टूबर तक रियाद में चल रहा है. कॉमेडी फेस्टिवल ने जहां दुनियाभर के कॉमेडियनों को एक मंच पर लाया है, वहीं यह आयोजन विवादों के घेरे में भी आ गया है. इस फेस्टिवल में डेव चैपल, केविन हार्ट, जिमी कैर जैसे बड़े अमेरिकी कॉमेडियन शामिल हैं.
लेकिन मानवाधिकार संगठनों और कुछ कॉमेडियनों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है. अक्टूबर 2 को सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या की सातवीं बरसी भी थी, जो सऊदी क्राउन प्रिंस से जुड़े विवादों का हिस्सा रही है. इस समय पर इस फेस्टिवल का आयोजन कई सवाल खड़े करता है.
अमेरिकी कॉमेडियन डेव चैपल की टिप्पणी
फेस्टिवल के दौरान डेव चैपल निशाने पर आ गए हैं. उन्होंने मंच से कहा, “यहां बोलना अमेरिका से कहीं आसान है.” उन्होंने अमेरिकी ‘कैंसल कल्चर’ और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी टिप्पणी की, जिससे दर्शकों ने तालियां बजाईं. हालांकि, उन्होंने सऊदी शासन या मानवाधिकारों पर कोई टिप्पणी नहीं की, जिससे उनकी चुप्पी पर सवाल उठे. डेव चैपल पर निशाना इसलिए साधा जा रहा है क्योंकि उनके कई सालों से खासकर ट्रांस कम्युनिटी और अन्य संवेदनशील मुद्दों पर उनके जोक्स विवादों में रहे हैं. इस वजह से उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा है.
मानवाधिकार संगठनों की आपत्ति
Human Rights Watch और अन्य संगठनों ने इस फेस्टिवल को सऊदी शासन द्वारा अपनी छवि सुधारने की कोशिश के रूप में देखा है. इनका कहना है कि कॉमेडियनों को भारी रकम देकर उन्हें सऊदी सरकार के मानवाधिकार उल्लंघनों पर चुप रहने के लिए मजबूर किया गया है. कॉन्ट्रैक्ट्स में यह भी स्पष्ट किया गया है कि कलाकारों को सऊदी सरकार, शाही परिवार या धार्मिक प्रथाओं की आलोचना करने से मना किया गया है.
कुछ कॉमेडियन्स ने किया विरोध
कॉमेडियन एट्सुको ओकात्सुका ने इस फेस्टिवल में भाग लेने से इनकार किया और बताया कि उन्हें ऐसे कंटेंट से बचने के लिए कहा गया था जो सऊदी सरकार या धार्मिक मान्यताओं की आलोचना करता हो. मार्क मैरन, शेन गिलिस और अन्य ने भी इस आयोजन की आलोचना की है.
फेस्टिवल में भाग लेने वाले कॉमेडियनों को $350,000 से लेकर $1.6 मिलियन तक की राशि दी जा रही है, जो कई कलाकारों के लिए आकर्षक है. पीट डेविडसन और अन्य ने इस वित्तीय प्रोत्साहन को स्वीकार किया है, हालांकि उन्होंने व्यक्तिगत नैतिकता और सऊदी शासन के खिलाफ अपनी चिंताओं का भी जिक्र किया है.