प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश के नाम संबोधन में जीएसटी रिफॉर्म को लेकर कहा कि ‘वन नेशन, वन टैक्स’ का सपना साकार हुआ है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जीएसटी ने ‘एक राष्ट्र-एक कर’ के सपने को साकार किया. उन्होंने बताया कि कि कैसे टैक्स और टोल के जाल ने व्यापार जगत और उपभोक्ताओं के लिए कठिनाइयां पैदा की थीं.
पीएम मोदी ने कहा कि देश के व्यापारी अलग-अलग टैक्स के जाल में उलझे हुए थे. भांति-भांति के दर्जनों टैक्स देश में थे. एक राज्य से दूसरे राज्य जाने में कितनी सारी रुकावटें थी. टैक्स के अलग-अलग नियम थे.
उन्होंने कहा कि 2014 में देश ने प्रधानमंत्री पद का दायित्व सौंपा था. विदेशी अखबार में एक कंपनी की मुश्किलों का जिक्र गया था. उसने कहा था कि बेंगलुरु से हैदराबाद समान भेजना हो, तो उन्होंने कहा था कि पहले अपना सामान बेंगलुरु से यूरोप भेज दें और फिर वही समान यूरोप से हैदराबाद भेजें. टैक्स और टोल की जंजाल की वजह से ये तब के हालात थे.
जीएसटी का बनाया प्राथमिकता
उन्होंने कहा कि 2014 में देश ने अवसर दिया तो देशहित में और जनहित में जीएसटी को प्राथमिकता बनाया. हर राज्यों की शंका का निवारण किया. हर सवाल का समाधान खोजा. सबको साथ लेकर आजाद भारत का इतना बड़ा टैक्स रिफॉर्म संभव हो पाया. यह केंद्र और राज्यों के प्रयासों का नतीजा था कि देश दर्जनों टैक्स जाल से मुक्त हुआ. वन नेशन, वन टैक्स का सपना साकार हुआ.
उन्होंने कहा कि इससे रोजमर्रा इस्तेमाल की चीजें और सस्ती हो जाएंगी. स्वास्थ्य और जीवन बीमा अनेकों सेवाएं टैक्स फ्री होगी या फिर केवल पांच फीसदी टैक्स देना होगा. जिन समानों पर केवल 12 फीसदी टैक्स लगा करता था. उनमें से 99 फीसदी चीजें अब 5 फीसदी टैक्स के दायरे में आ गई है.
न्यू मिडिल क्लास को डबल बोनांजा
12 लाख रुपए इनकम टैक्स राहत देकर उपहार दिया. अब गरीबों की भी बारी है. न्यू मिडिल क्लास की बारी है. अब गरीब को, न्यू मिडिल क्लास को डबल बोनांजा मिल रहा है. जीएसटी कम होने से देश के नागरिकों के लिए अपने सपने पूरा करना और आसान होगा. उन्होंने कहा कि इस कदम का उद्देश्य अमेरिकी श्रमिकों को उनकी जगह किसी और को लाए जाने से बचाना है.