‘लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी…’, कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में सीएम विष्णु साय ने दिखाए कड़े तेवर, सिखाया अनुशासन का पाठ

‘लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी…’, कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में सीएम विष्णु साय ने दिखाए कड़े तेवर, सिखाया अनुशासन का पाठ

रायपुर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कलेक्टर कॉफ्रेंस 2025 में सख्त तेवर दिखाते हुए सुशासन के नए मानक तय किए। उन्होंने दो टूक निर्देश दिया कि सभी कलेक्टर सुबह सात नगरीय निकायों के वार्डों का निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि जनहित के कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी और उपलब्धियां केवल कागजों में नहीं, बल्कि जमीन पर दिखनी चाहिए।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कलेक्टर कॉफ्रेंस 2025 में सख्त तेवर दिखाते हुए सुशासन के नए मानक तय किए। उन्होंने दो टूक निर्देश दिया कि सभी कलेक्टर सुबह सात नगरीय निकायों के वार्डों का निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि जनहित के कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी और उपलब्धियां केवल कागजों में नहीं, बल्कि जमीन पर दिखनी चाहिए। यह सिर्फ समीक्षा नहीं, बल्कि जनहित में नए मानक तय करने का अवसर है।

धान खरीदी में कम पंजीयन पर मुख्यमंत्री ने बस्तर, कोंडागांव और जांजगीर-चांपा कलेक्टरों का नाम लेकर नाराजगी जताई। बैठक निर्धारित समय से पहले शुरू हुई, जिसने मुख्यमंत्री की परिणाम-केंद्रित वर्क-डिसिप्लिन का कड़ा संदेश दिया। साफ है कि अब कलेक्टरों को सुबह की नींद छोड़ जनता के बीच उतरना होगा। बैठक में मुख्य सचिव विकास शील, सभी विभागीय सचिव, संभाग युक्त और कलेक्टर उपस्थित रहे।

धान खरीदी: कलेक्टर होंगे सीधे जिम्मेदार

मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 नवंबर से होने जा रही धान खरीदी की तैयारियां पूरी करें, किसी भी लापरवाही के लिए कलेक्टर जिम्मेदार होंगे। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि धान खरीदी में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर सीधे कलेक्टर जिम्मेदार होंगे। खरीदी की चौकसी बढ़ाने के लिए इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का उपयोग किया जाए। अंतरराज्यीय सीमावर्ती जिलों में विशेष सतर्कता बरती जाए, ताकि बाहर से धान की अवैध आवाजाही रोकी जा सके। विशेष पिछड़ी जनजातियों के किसानों का 100 प्रतिशत पंजीयन विशेष शिविरों के माध्यम से किया जाए।

स्वास्थ्य एवं पोषण पर फोकस

  • अस्पतालों में शत-प्रतिशत प्रसव सुनिश्चित करने और टीकाकरण की स्थिति का फील्ड वेरिफिकेशन करने का निर्देश।
  • प्रत्येक मातृ मृत्यु का आडिट अनिवार्य किया गया।
  • बस्तर संभाग के हाटस्पाट क्षेत्रों की पहचान कर विशेष अभियान चलाया जाए।
  • गैर-संचारी रोगों के प्रति जागरूकता के लिए वेलनेस सेंटरों को सक्रिय करने का निर्देश।

शिक्षा पर 50 मिनट चर्चा

शिक्षा विभाग पर सबसे अधिक 50 मिनट तक चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि सकल नामांकन अनुपात को 100 प्रतिशत करने और ड्रापआउट को शून्य करने का लक्ष्य हर हाल में पूरा हो। शिक्षण सामग्री अलमारियों में नहीं, कक्षाओं में दिखनी चाहिए। गोंडी भाषा में शिक्षण के लिए बीजापुर माडल की सराहना की और अन्य जिलों को भी स्थानीय भाषा आधारित नवाचार अपनाने की सलाह दी। 31 दिसंबर तक सभी विद्यार्थियों की आधार-बेस्ड ‘अपार आईडी’ बनाकर रजिस्ट्रेशन पूरा करने का निर्देश दिया, जो गणवेश और छात्र वृत्ति वितरण में पारदर्शिता लाएगी। स्कूलों की ग्रेडिंग और सामाजिक अंकेक्षण के लिए राज्य में “मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान” चलाया जाएगा।