लक्ष्य सेन का सेमीफाइनल में टूटा दिल, दमदार आगाज के बाद विक्टर ने मारी बाजी; ब्रॉन्ज की उम्मीद बरकार


Lakshya Sen vs Viktor Axelsen Semifinal: भारतीय बैडमिंटन की सनसनी लक्ष्य सेन का रविवार को पेरिस ओलंपिक 2024 में मेन्स सिंगल्स सेमीफाइनल में दिल टूट गया। उन्हें डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन के खिलाफ सीधे गेम में हार झेलनी पड़ी। विक्टर ने 54 मिनट में 20-22, 14-21 से बाजी मारी। लक्ष्य ने दमदार आगाज किया लेकिन मौजूदा ओलंपिक चैंपियन से पार नहीं पा सके। हालांकि, पहली बार ओलंपिक में खेल रहे लक्ष्य के पास ब्रॉन्ज जीतने का मौका है। वह सेमीफाइनल हारने के बाद ब्रॉन्ज मेडल में उतरेंगे। लक्ष्य ने क्वार्टर फाइनल में चीनी ताइपे के चाउ टीएन चेन को हराकर रचा था। वह ओलंपिक में सेमीफाइनल खेलने वाले पहले भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी हैं।

लक्ष्य सेन ने दोनों गेम बढ़त के बाद गंवाए

22 वर्षीय लक्ष्य ने पहले गेम में एक समय 18-13 की बढ़त बना रखी थी। हालांकि, अनुभवी विक्टर ने पिछड़ने के बावजूद लय हासिल की। 30 वर्षीय ने उसके बाद 9 अंक हासिल किए जबकि लक्ष्य सिर्फ दो अंक जुटा सके। लक्ष्य ने दूसरे गेम भी बेहतरीन शुरुआत की। उन्होंने 7-0 की बढ़त ले ली थी मगर विक्टर फिर वापसी करने में सफल रहे। उनके पावरफुल स्मैश का लक्ष्य के पास जवाब नहीं था। विक्टर ने 8-7 की मामूल बढ़त ली और जल्द ही 17-13 से आगे निकल गए। लक्ष्य ने काफी कोशिश की लेकिन 14 अंक से अधिक नहीं जोड़ सके। बता दें कि विक्टर के खिलाफ लक्ष्य की नौ मैचों में यह आठवीं हार है। लक्ष्य ने विक्टर को केवल एक बार 2022 में जर्मन ओपन में हराया।

बॉन्ज मेडल मैच में जिया से लक्ष्य की टक्कर

लक्ष्य अब सोमवार को ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में मलेशिया के ली जी जिया से टकराएंगे। जिया को थाईलैंड के आठवें वरीय कुनलावुत वितिदसार्न के खिलाफ सेमीफाइनल में 14-121, 15-21 से हार का मुंह देखना पड़ा। लक्ष्य अब ली को हराकर ओलंपिक पदक जीतने वाला पहला भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी बनने के इरादे से उतरेंगे। वहीं, फाइनल मुकाबला विक्टर और वितिदसार्न के बीच खेला जाएगा। विक्टर ने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड और रियो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। वह 2017 और 2022 में विश्व चैंपियन रहे। उनके नाम पर 2016 में थॉमस कप की जीत शामिल है। इसके अलावा उन्होंने कई बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर और सुपर सीरीज खिताब जीते हैं। यही नहीं वह दिसंबर 2021 से जून 2024 तक विश्व के नंबर एक खिलाड़ी भी रहे।

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