रायपुर रेल मंडल में रेलवे अधिकारियों की गाड़ियां चलाने वाले ड्राइवरों ने गंभीर आरोप लगाते हुए पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ड्राइवरों का कहना है कि गाड़ी मालिकों और अधिकारियों के बीच मिलीभगत के कारण सैकड़ों गाड़ियां बिना टैक्सी परमिट के धड़ल्ले से चल रही हैं।
वेतन में हेराफेरी का खुलासा
ड्राइवरों (Raipur News) का आरोप है कि गाड़ी मालिक रेलवे के नियमों के मुताबिक भुगतान नहीं कर रहे। एक मालिक तो ड्राइवर के खाते में ₹22,000 सैलरी डालकर बाद में कैश वापस ले लेता है। कई बार शिकायत करने के बावजूद रेलवे अधिकारी कार्रवाई नहीं करते, क्योंकि गाड़ी मालिकों से उनकी ‘सेटिंग’ है।
RTO भी खामोश
सूत्रों के मुताबिक, आरटीओ (Raipur News) अधिकारी चाहें तो नियमों के तहत गाड़ी मालिकों पर कार्रवाई कर सकते हैं, लेकिन अब तक बिना परमिट चल रही सैकड़ों गाड़ियों पर कोई कदम नहीं उठाया गया। इस लापरवाही से ड्राइवरों में नाराज़गी बढ़ गई है और वे सामूहिक हड़ताल की तैयारी में हैं।
सरकारी गाड़ियों के दुरुपयोग के आरोप
एक पीड़ित ड्राइवर ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि छुट्टियों के दिन अधिकारी अपने परिवार के साथ मॉल जाने के लिए उन्हें बुलाते हैं और शासकीय गाड़ियों का निजी काम में इस्तेमाल करते हैं। बच्चों को स्कूल और ट्यूशन लाने-ले जाने तक के लिए भी इन गाड़ियों का उपयोग किया जाता है।