अगर आप किसी कंपनी में काम करते हैं और आपकी सैलरी से हर महीने PF कटता है, तो आपके मन में भी यह सवाल जरूर आता होगा कि आखिर यह पैसा जाता कहां है? क्या यह सिर्फ एक खाते में जमा रहता है या कहीं निवेश होता है? EPFO यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन न सिर्फ यह पैसा इकट्ठा करता है, बल्कि इसे तयशुदा तरीकों से निवेश भी करता है ताकि आपको रिटायरमेंट के वक्त अच्छी-खासी रकम और पेंशन मिल सके.
PF का पैसा तीन हिस्सों में बंटता है
EPF स्कीम के तहत कर्मचारियों और नियोक्ता, दोनों को हर महीने बेसिक सैलरी का 12% योगदान देना होता है.
1- कर्मचारी का योगदान
आपके वेतन से जो 12% कटता है, वह पूरा का पूरा आपके EPF खाते में जाता है. इस पर हर साल ब्याज भी मिलता है और यह पैसा पूरी तरह आपके नाम पर जमा होता है.
2- नियोक्ता का योगदान
नियोक्ता की तरफ से जमा की गई 12% रकम तीन हिस्सों में बंट जाती है.
- 8.33% हिस्सा EPS (पेंशन स्कीम) में जाता है
- 3.67% हिस्सा EPF खाते में
- इसके अलावा, एक अलग योगदान EDLI (बीमा योजना) में भी होता है
उदाहरण के लिए, अगर आपकी बेसिक सैलरी ₹16,000 है, तो दोनों तरफ से ₹1,920-₹1,920 का योगदान होगा. इसमें से नियोक्ता की ओर से सिर्फ ₹587 ही EPF में नजर आएंगे, बाकी पेंशन और बीमा स्कीम में जाएंगे.
EPFO आपके पैसे को कहां निवेश करता है?
- आपके PF खाते में जमा रकम EPFO सीधे अपने पास नकद नहीं रखता. इस रकम को वह उन योजनाओं में निवेश करता है जहां सुरक्षित और स्थिर रिटर्न की संभावना होती है.
- सरकारी बॉन्ड्स और सिक्योरिटीज: सबसे सुरक्षित निवेश, जहां डिफॉल्ट का जोखिम नहीं होता
पब्लिक और प्राइवेट कंपनियों के कॉर्पोरेट बॉन्ड्स: निश्चित रिटर्न की संभावना के साथ थोड़ा ज्यादा जोखिम - ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड): पिछले कुछ सालों से EPFO ने अपने फंड का 15% हिस्सा शेयर बाजार से जुड़े ETF में लगाना शुरू किया है
पेंशन और बीमा का फायदा भी इसी से मिलता है
नियोक्ता की ओर से EPS (Employees’ Pension Scheme) में जो 8.33% हिस्सा जमा होता है, वह आपके रिटायरमेंट के बाद मासिक पेंशन का आधार बनता है. अगर आपने 10 साल तक EPF स्कीम में लगातार योगदान किया है, तो 58 साल की उम्र के बाद आपको पेंशन मिलनी शुरू हो सकती है. इसके अलावा, EDLI स्कीम के तहत कर्मचारी की असमय मृत्यु पर परिवार को बीमा का लाभ भी मिलता है. यह योगदान भी नियोक्ता द्वारा ही किया जाता है.
कब निकाल सकते हैं EPS की राशि?
अगर आपने 10 साल से कम नौकरी की है और PF खाता बंद कर रहे हैं, तो EPS का हिस्सा Form 10C भरकर निकाला जा सकता है. लेकिन 10 साल या उससे ज्यादा की सेवा के बाद आप EPS का पैसा नहीं निकाल सकते, बल्कि भविष्य में पेंशन के हकदार बन जाते हैं.
क्यों अहम है EPF की स्कीम ?
EPFO की पूरी योजना इस विचार पर आधारित है कि रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को सिर्फ एकमुश्त रकम ही नहीं, बल्कि मासिक पेंशन जैसी नियमित आय भी मिलनी चाहिए.
इसलिए आपके PF का एक हिस्सा पेंशन और बीमा जैसी स्कीमों में जाता है. EPFO निवेश को इस तरह प्रबंधित करता है कि रिटर्न स्थिर रहे और जोखिम कम से कम हो.