सरकार महंगाई को ध्यान में रखते हुए सरकार की नौकरी करने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को साल में दो बार महंगाई भत्ता देती है. पहला 1 जनवरी से प्रवाभी होता है और दूसरा 1 जुलाई से प्रभावी होता है. मार्च में जो भत्ते का ऐलान किया गया था वह 1 जनवरी से लागू माना जा रहा है. वहीं, अभी जो ऐलान होगा वह 1 जुलाई 2025 से प्रभावी माना जाएगा. सरकार की ओर डीए केंद्रीय कर्मचारियों को दिया जाता है और DR पेंशनर्स को दिया जाता है.
कैसे तय होता है महंगाई भत्ता
DA का कैलकुलेशन अखिल भारतीय औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI-IW) के आंकड़ों के आधार पर की किया जाता है. AICPI-IW इंडेक्स को देश के 88 औद्योगिक केंद्रों के 317 बाजारों में चल रही रिटेल कीमतों के आधार पर जारी किया जाता है. इसके बाद सरकार डीए में संशोधन करने से पहले पिछले छह महीनों के आंकड़ों को देखती है.
मार्च 2025 में AICPI-IW 143 था, जो कि मई 2025 तक बढ़कर 144 हो गया है. इस वजह से महंगाई भत्ते में 3-4 प्रतिशत की बढ़ोतरी के आसार दिखाई दे रहा है. जो कि फॉर्मूले के हिसाब से निकाला जा सकता है. इसमें टाइम बेस के हिसाब से कैलकुलेशन किया जाता है.
महंगाई भत्ता (%) = [(पिछले 12 महीनों का CPI-IW औसत 261.42) ÷ 261.42] × 100
हालांकि, सरकार की ओर से मई 2025 का CPI-IW का डेटा जारी नहीं किया गया है. अगर सरकार उस डेटा को जारी करती है और महंगाई स्थिर रहती है या फिर उसमें कुछ बढ़ोतरी होती है. तो रक्षाबंधन के पहले सरकार महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी कर सकती है.