अर्चना तिवारी
मध्य प्रदेश की अर्चना तिवारी का फर्जी लापता होने का मामला देशभर में काफी सुर्खियां बटोर हैं. शादी के दबाव से बचने के लिए अर्चना ने एक ऐसे झूठी कहानी तैयारी थी, जिसमें मध्य प्रदेश पुलिस और जीआरपी कई दिनों तक उलझी रही. हालांकि, 12 दिनों बाद पुलिस ने उसे नेपाल बार्डर पर दबोच लिया. इसके बाद जो भी खुलासा हुआ वह काफी हैरान करने वाला था. गायब होने से पहले अर्चना ने खुद को मरा हुआ साबित करने में कोई भी कमी नहीं छोड़ी थी.
कटनी की रहने वाली 29 साल की अर्चना पेशे से वकील है, वह इंदौर में रहकर सिविल जज की परीक्षा की तैयारी कर रही थी. वह 7 अगस्त को इंदौर से अपने भाई को राखी बांधने के लिए नर्मदा एक्सप्रेस ट्रेन के कोच नंबर B-3 में बैठकर घर के लिए निकली थी. इस बीच जैसे ही उसकी ट्रेन भोपाल पहुंची और वह अचानक लापता हो गई. बेटी के घर ना पहुंचने से परिजन काफी घबरा गए. उन्होंने तुरंत बेटी की तलाश शुरू की, लेकिन उसका कहीं कुछ पता नहीं चला.
ट्रेन में मिला अर्चना का बैग
इसके बाद परिजनों ने नजदीकी थाने में बेटी की गुमशुदगी दर्ज कराई. पुलिस मामला दर्ज कर अलग-अलग एंगल्स पर जांच में जुट गई. इस दौरान सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए, लेकिन अर्चना का कहीं कोई सुराग नहीं लगा. परिजन ने 8 अगस्त को जीआरपी को बेटी के ट्रेन से लापता होने की शिकायत दी थी जिसके बाद मामला दर्ज किया. जांच में अर्चना का बैग और पर्स उसकी सीट पर रखा हुआ मिला. कई दिनों तक पुलिस और जीआरपी अर्चना की दिन रात एक कर तलाश करती रही.
12 दिन नेपाल बार्डर से अर्चना बरामद
इस बीच 12 दिनों बाद पुलिस ने नेपाल की सीमा से अर्चना को बरामद कर लिया. इसके बाद अर्चना ने जो खुलासे किए उसने सभी को हैरानी में डाल दिया. जीआरपी भोपाल के एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि अर्चना ने अपने पुरुष मित्र सारांश और उसके साथी तेजिंदर के साथ मिलकर पूरी साजिश रची और बारीकी से अंजाम दिया. दरअसल, अर्चना का परिवार उसकी शादी एक पटवारी से करवाना चाहता था, लेकिन अर्चना इसके लिए तैयार नहीं थी.
शादी के दबाव से परेशान थी युवती
वह पहले जज तो वहीं बाद में अपनी मर्जी से शादी करना चाहती थी. इस बात को लेकर उसका कई बार परिजनों से झगड़ा हुआ. परिवार की बातों से उसे एक बात तो बिल्कुल समझ आ गई थी कि अब वह लंबे समय तक शादी का बात टाल नहीं सकती है. अर्चना अपनी मर्जी से जिंदगी जीना चाहती थी और इसके लिए उसने नया रास्ता चुन लिया. उसने अपने मन की बात जनवरी में ट्रेन में मिले 26 साल सारांश के साथ शेयर की.
खुद को मृत दिखाने की करी पूरी कोशिश
धीरे-धीरे दोनों के बीच की नजदीकियां बढ़ती चली गई. इसके बाद उन्होंने तेजिंदर के साथ मिलकर एक साजिश रच डाली. योजना के मुताबिक, अर्चना को ऐसा लापता दिखाना था कि सबको यकीन हो जाए वह मर चुकी है. इसके तहत इटारसी स्टेशन पर सारांश और तेजिंदर ने उसे ट्रेन से उतारा और अपने साथ ले गए. वहीं, पुलिस और परिजनों को गुमराह करने के लिए अर्चना ने अपना बैग और पर्स ट्रेन की बर्थ पर छोड़ दिया था.
इटारसी में अर्चना ने अपनी घड़ी और मोबाइल तेजिंदर को थमाए और कहा कि इन्हें बागतवा और मिडघाट इलाके के बीच कहीं फेंक दें. इसके बाद उन लोगों ने तीन-चार युवकों के जरिए जीआरपी में शिकायत कराई की घाट क्षेत्र में कोई लड़की ट्रेन से गिर गई हैं, ताकि पुलिस को मोबाइल और घड़ी मिलने पर यहीं लगे कि लड़की की मौत हो चुकी है और शव जंगली जानवर खा गए हैं.