मुनाफे का खेल, दांव पर मासूमों की जिंदगी… एक सिरप पर 90% तक मिलता था कमीशन, डॉक्टर ही तय करते थे रेट

मुनाफे का खेल, दांव पर मासूमों की जिंदगी… एक सिरप पर 90% तक मिलता था कमीशन, डॉक्टर ही तय करते थे रेट

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में जहरीली कफ सिरप कोल्ड्रिफ का सेवन करने के बाद किडनी फेल होने से अभी तक 17 मासूमों की मौत हो चुकी है. मंगलवार शाम पांच बजे जिला प्रशासन द्वारा 17 मौतों की पुष्टि की गई. वहीं पूरे राज्य में इस सिरप के सेवन से कुल 20 बच्चों की मौत हुई है. इतनी मौतों के बाद एमपी स्वास्थ्य विभाग अब जागा है और जांच-पड़ताल तेज कर दी है. जांच-पड़ताल में कई अहम खुलासे हो रहे हैं, जो काफी चौंकाने वाले हैं.

जांच में ये पता चला है कि कई डॉक्टर कंपनी के साथ मिलकर हल्की दवाई बनवाते हैं. डॉक्टर के पास ये अधिकार है कि वो दवा बनवा सकते हैं. ऐसे में उदाहरण के लिए 10 रुपए में बनने वाली दवा को 100 रुपए में बेचा जाता है. डॉक्टर ही इसकी MRP तय करते हैं. ऐसा काम अक्सर छोटे डॉक्टर करते हैं, जो इसी दवा को देते हैं और 90 प्रतिशत मुनाफा कमाते हैं. छिंदवाड़ा में भी यही हुआ. 90 प्रतिशत मुनाफा कोल्ड्रिफ कंपनी में मिला.

पैसे देकर दवा का अप्रूवल

दवाओं में तीन कैटेगरी होती है… एथिकल, जेनेरिक और PG. एक तो बड़े ब्रांड होते हैं, जिसमें डॉक्टर का 20 प्रतिशत मुनाफा होता है. दूसरे में 50 से 80 प्रतिशत और तीसरे में तो सीधे 90 प्रतिशत मुनाफा होता है. दवाओं का अप्रूवल इस भ्रष्ट सिस्टम से मिल जाता है. पैसे देकर दवा का अप्रूवल मिल जाता है. अगर कार्रवाई होनी चाहिए तो ड्रग विभाग वाले उन बड़े अधिकारियों पर होनी चाहिए, जो इन जहरीली दवाओं को अप्रूवल देते हैं.

मेडिकल स्टोर मालिक का बड़ा खुलासा

भोपाल के सरकारी अस्पताल JP के सामने स्थित एक मेडिकल स्टोर मालिक ने ऑन कैमरा बड़ा खुलासा किया. मेडिकल स्टोर मालिक ने बताया कि डॉक्टर का अलग-अलग कैटेगरी पर हिस्सा होता है. किसी पर 20 तो किसी पर 90%. छिंदवाड़ा में जो सिरप पकड़ी गई, उसमें डॉक्टर का 90% हिस्सा था. ये थर्ड कैटिगरी की सिरप होती है. अच्छे डॉक्टर ऐसी सिरप नहीं लिखते हैं. जो झोलाछाप डॉक्टर होते हैं, वही इस तरह की दवा को लिखते हैं. सारा दोष अगर किसी का है तो वो सरकार का है. आखिर ड्रग विभाग कैसे इन्हें अप्रूवल देता है? जांच-पड़ताल कैसी होती है?

भोपाल में ड्रग विभाग का दवा बाजार में छापा

वहीं एमपी के सात जिलों- दमोह, अलीराजपुर, ग्वालियर, दतिया, जबलपुर, खरगोन, रतलाम, सिंगरौली और भोपाल में अमानक कंपनी की दवाओं का बड़ा जखीरा पकड़ा गया है. अब तक प्रदेश भर में अमानक कंपनी की 767 कफ सिरप की बोतलें फ्रीज की जा चुकी हैं. दो कफ सिरप Re-Life और Respifresh-TR बच्चों के लिए जानलेवा साबित हुए हैं.

ड्रग्स विभाग का एक्शन

दोनों सिरप गुजरात में बनते हैं और इन्हीं के नमूने जांच में फेल पाए गए हैं. जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद ड्रग्स विभाग की टीम भोपाल के दवा बाजार पहुंची, जहां गुजरात की कंपनी के सिरप की बड़ी खेप बरामद हुई. 100 से ज्यादा बोतलें जब्त की गई हैं. ड्रग्स विभाग की कार्रवाई फिलहाल जारी है.