मां पार्वती की गोद भराई का पारंपरिक उत्सव… महिलाओं ने अर्पित किया भोग, सजाया मंदिर

मां पार्वती की गोद भराई का पारंपरिक उत्सव… महिलाओं ने अर्पित किया भोग, सजाया मंदिर

रेलवे परिक्षेत्र कंस्ट्रक्शन कॉलोनी स्थित श्री सुमुख गणेश मंदिर में 28 जुलाई की शाम देवी पार्वती की गोद भराई (Seemantham) का विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन किया जाएगा। यह पर्व केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि देवी पार्वती के मातृत्व स्वरूप को समर्पित श्रद्धा, स्नेह और परंपरा का उत्सव है।

रेलवे परिक्षेत्र कंस्ट्रक्शन कॉलोनी स्थित श्री सुमुख गणेश मंदिर में 28 जुलाई की शाम देवी पार्वती की गोद भराई (Seemantham) का विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन किया जाएगा। यह पर्व केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि देवी पार्वती के मातृत्व स्वरूप को समर्पित श्रद्धा, स्नेह और परंपरा का उत्सव है।

भारत के तमिलनाडु, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में ‘पार्वती की गोद’ भरने की यह रस्म खास भावनात्मक और पारंपरिक महत्व रखती है। अब बिलासपुर में भी महिलाएं इस पावन अनुष्ठान को श्रद्धा से मना रही हैं। आयोजन में देवी पार्वती की मूर्ति को चूड़ियों, साड़ियों और पारंपरिक आभूषणों से सजाया जाएगा। मंच पर देवी-देवताओं की तस्वीरें पिरामिड आकार में सुसज्जित की जाएंगी।

पूजा विधि में महिलाएं हल्दी, सिंदूर, सुहाग की सामग्री, फल और फूल अर्पित करेंगी। यह रस्म विवाहित और अविवाहित दोनों ही महिलाओं के लिए एक भावनात्मक-सांस्कृतिक जुड़ाव का माध्यम बनेगी। माता पार्वती को अर्पित की जाने वाली वस्तुएं भारतीय नारी शक्ति, समर्पण और प्रेम की प्रतीक होंगी।

भोग में परंपरागत पांच प्रकार के विशेष प्रसाद अर्पित किए जाएंगे – नींबू चावल, नारियल चावल, सूजी का हलवा, पोहा और भीगी मूंग दाल। इसके अलावा, महिलाओं को पूजा के बाद हल्दी, फूल और फल उपहार स्वरूप भेंट किए जाएंगे।

इस आयोजन का उद्देश्य मातृत्व, शक्ति और नारी गरिमा के प्रति श्रद्धा व्यक्त करना है। साथ ही यह आयोजन पीढ़ियों को जोड़ने वाली एक सामाजिक कड़ी के रूप में भी देखा जा रहा है, जहां महिलाएं एकजुट होकर आस्था, संस्कृति और भावनाओं को साझा करती हैं।

मुख्य पुजारियों और आयोजकों ने बताया कि यह पर्व न केवल धार्मिक साधना है, बल्कि भारतीय स्त्री परंपरा की आत्मा को उजागर करने का एक प्रयास भी है।