साल 1982 में रिलीज हुई महेश भट्ट की फिल्म अर्थ ने डायरेक्टर के करियर को बनाने में अहम रोल निभाया है। हालांकि, उस वक्त ये अफवाह उड़ी था कि महेश भट्ट ने यशराज की फिल्म सिलसिला को देखने के बाद फिल्म अर्थ बनाई थी। अर्थ और सिलसिल एक ही थीम पर बनी फिल्में हैं। हाल ही में महेश भट्ट ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने सिलसिला देखकर अर्थ बानने का फैसला नहीं लिया था। साथ ही, उन्होंने यशराज की फिल्म सिलसिला पर तंज कसा है।
महेश भट्ट ने क्यों बनाई अर्थ?
रेडियो नशा से खास बातचीत में महेश भट्ट ने कहा कि इन अफवाहों में कोई सच्चाई नहीं है कि मैनें सिलसिला देखकर अर्थ बनाई। उन्होंने कहा, “मैनें अर्थ अपने जीवन के अनुभवों से प्रेरणा लेकर बनाई। मैनें सिलसिला की कभ आलोचना नहीं की है। अर्थ ज्यादातर एक प्रयोग था। पहली चार फिल्में जो मैनें बनाई थीं वो फ्लॉप थीं। तो, जब लगभग मेरा करियर खत्म होने वाला था, मैनें सोचा कि छोड़ने से पहले क्यों ना रिस्क लेते हैं। मैनें अपनी स्टाइल में फिल्म बनाने का विचार किया। सौभाग्यवश, मुझे वो प्रोड्यूसर मिले जो ये रिस्क लेने को तैयार थे।”
उन्होंने आगे कहा, “जब मैं फिल्म बना रहा था, लोग मेरे पास आ रहे थे और कह रहे थे कि आप पहले से ही एक फ्लॉप डायरेक्टर हैं और अब आप अर्थ जैसी फिल्म बना रहे हैं? आपको पता है यश चोपड़ा इसी थीम पर अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, संजीव कुमार और रेखा के साथ बड़े बैनर के तले फिल्म बना रहे हैं?
अर्थ में महेश भट्ट ने बताई अपनी कहानी
उन्होंने कहा कि मुझे पता था कि वो फिल्म बना रहे हैं लेकिन मेरा कहना था कि ऐसा नहीं होता है कि आपका एक्सट्रामैरिटल अफेयर है और तुलिप गार्डन में जाकर गाना गा रहे हैं। ये एक सीक्रेट रिलेशनशिप होती है। लोग इसे सीक्रेट रखते हैं और गिल्ट महसूस होता है। मैं इस बारे में बहुत निश्चित था क्योंकि मैनें खुद ये अनुभव किया है। जब आप अपनी फिल्म में सच्चाई लेकर आते हैं, दर्शक उससे बेहतर तरीके से कनेक्ट कर पाते हैं और सच को सेंस कर पाते हैं।
महेश भट्ट ने मजाक करते हुए कहा कि अर्थ की रिलीज के बाद पत्नियां और गर्लफ्रेंड्स उनके पास आ रही थीं और ये दावा कर रहीं थी कि आप हमारी कहानी दिखा रहे हो। इसपर मैं कहता था कि मैनें अपनी कहानी बता रहा हूं। कहा जाता है कि अर्थ महेश भट्ट के परवीन बाबी के साथ एक्सट्रामैरिटल अफेयर पर आधारित थी।