मप्र में ये निजी यूनिवर्सिटीज़ डिफॉल्टर घोषित, छात्रों की डिग्री और भविष्य पर खतरा!

मप्र में ये निजी यूनिवर्सिटीज़ डिफॉल्टर घोषित, छात्रों की डिग्री और भविष्य पर खतरा!

मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग ने राज्य की 10 निजी यूनिवर्सिटीज़ को डिफॉल्टर सूची में डाल दिया है। इनमें भोपाल, इंदौर, जबलपुर, सागर और शिवपुरी जिले की यूनिवर्सिटीज़ शामिल हैं। विभाग का कहना है कि इन संस्थानों ने नियामक मानकों और अकादमिक गाइडलाइंस का पालन नहीं किया।

जांच में यूनिवर्सिटीज़ फेल, स्टाफ और इंफ्रास्ट्रक्चर में कमियां

हाल ही में उच्च शिक्षा विभाग ने प्राइवेट यूनिवर्सिटीज़ (MP News) की मान्यता और नियमों की समीक्षा की। जांच में कई संस्थानों में स्टाफ की कमी, लैब और लाइब्रेरी के मानक अधूरे, अकादमिक सिस्टम कमजोर पाए गए। कई यूनिवर्सिटीज़ को पहले भी नोटिस भेजे गए थे, लेकिन संस्थाओं ने सुधारात्मक कदम नहीं उठाए। इस कारण अब ये यूनिवर्सिटीज़ डिफॉल्टर लिस्ट में शामिल की गई हैं। इससे इनके एडमिशन प्रोसेस और डिग्री की वैधता पर सवाल उठने लगे हैं।

डिफॉल्टर घोषित यूनिवर्सिटीज़ की सूची

क्रमांक यूनिवर्सिटी का नाम स्थान

  1. J.N.C.T Professional University Berasia Road, Bhopal
  2. LNCT Vidyapeeth University Kanadiya Road, Indore
  3. Makahausal University Chargawan Road, Jabalpur
  4. Maharishi Mahesh Yogi Vedic Vishwavidyalaya Jabalpur
  5. Mansarovar Global University Bilkisganj, Sehore
  6. Shubham University Semra Satyed, Bhopal
  7. Azim Premji University Bypass Road, Kanhasaiya, Bhopal
  8. Aryavart University NH-46, Jharkheda, Sehore
  9. Dr. Preeti Global University Dinara, Karera, Shivpuri
  10. Gayvaner University Rahatgarh, Sagar

छात्रों में बढ़ी चिंता, डिग्री वैधता पर सवाल

राज्य सरकार का कहना है कि इन यूनिवर्सिटीज़ ने UGC और उच्च शिक्षा विभाग की अनिवार्य शर्तों का पालन नहीं किया। कई संस्थानों में नियमित फैकल्टी नहीं, तो कहीं लैब और लाइब्रेरी मानकों पर खरी नहीं उतरीं। छात्रों में इस कार्रवाई को लेकर गंभीर चिंता है।

भोपाल की एक छात्रा ने कहा, “हमने फीस भरी है, कोर्स चल रहा है, लेकिन अब डर है कि हमारी डिग्री कहीं अमान्य न हो जाए।”

संस्थान सुधारात्मक कदम उठाने की कोशिश में

कुछ यूनिवर्सिटीज़ प्रशासन(MP News) ने कहा कि वे विभाग के साथ समन्वय में सुधारात्मक कदम उठा रहे हैं और जल्द ही स्थिति सामान्य करने की कोशिश करेंगे। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया कि जिन संस्थानों ने नियमों का पालन नहीं किया, उन पर कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।