मध्य प्रदेश के बड़े हिस्से में भारी बारिश का दौर जारी है। इसके चलते नदी-नाले उफान पर हैं। लोगों को यहां से वहां जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई लोग नदी-नाले पार करने में जान-जोखिम में डाल रहे हैं, जिसके वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
मध्य प्रदेश में मानसून ने एक बार फिर तेजी पकड़ी है। प्रदेश में एक जून से 28 जुलाई तक सामान्य तौर पर 418.4 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन अभी 645.2 मिमी वर्षा हो चुकी है। यह सामान्य से 54 प्रतिशत अधिक है। वहीं इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों में 12 से 32 प्रतिशत तक ही पानी बरसा है।
मौसम विभाग ने मंगलवार को भी पश्चिम मध्य प्रदेश के जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। मौसम विभाग के मुताबिक 15 जिलों ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, श्योपुर, भोपाल, रायसेन, राजगढ़, सीहोर, विदिशा, जबलपुर, नर्मदापुरम, सागर, टीकमगढ़ में भारी से अति भारी बारिश के आसार हैं। प्रदेश के शेष जिलों में भी छिटपुट वर्षा होती रहेगी।
ग्वालियर, चंबल, नर्मदापुरम और जबलपुर तरबतर
- मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश में एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है, जिसके प्रभाव से बारिश की गतिविधियां और तेज हो सकती हैं। साथ ही मानसून द्रोणिका भी प्रदेश के ऊपर से गुजर रही है जो मानसून को और अधिक सक्रिय कर रही है।
- इस मौसम प्रणाली के कारण राज्य के अधिकांश हिस्सों में बारिश की संभावना बनी हुई है। सोमवार को भोपाल और आसपास के जिलों में बारिश होती रही। सोमवार सुबह 8.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक सीहोर में सबसे ज्यादा 33.7 मिमी बारिश हुई।