भारत से डर या चीन की सुरक्षा… पाकिस्तान ने कहां तैनात कर रखे हैं सबसे ज्यादा सैनिक?

भारत से डर या चीन की सुरक्षा… पाकिस्तान ने कहां तैनात कर रखे हैं सबसे ज्यादा सैनिक?


पाकिस्तान में कहां तैनात कर रखे हैं सबसे ज्यादा सैनिक?

पाकिस्तान भारत को गीदड़ भभकी दे रहा है, पहले सेनाध्यक्ष आसिम मुनीर ने अमेरिका की धरती से युद्ध का जिक्र छेड़ा, फिर पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भी वही नादानी कर दी.इस बीच एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है जो ये दर्शा रही है कि असल में पाकिस्तान भारत से कितना डरा हुआ है. इसकी बानगी पीओके में सेना की तैनाती है, पाकिस्तान ने सबसे ज्यादा जवान पीओके में ही तैनात कर रखे हैं.

भारत की डिफेंस मिनिस्ट्री के DG ISPR की एक रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्तान ने पीओके में प्रति एक लाख आबादी के हिसाब से तकरीबन 1056 सेना के जवान तैनात कर रखे हैं. यह पूरे पाकिस्तान का औसत देखें तो उससे कई गुना ज्यादा हैं. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक यहां पाकिस्तान ने X कॉर्प्स को तैनात कर रखा है, इसे रावलपिंडी कॉर्प्स भी कहते हैं. इसमें 12वीं इन्फैंट्री डिवीजन भी शामिल हैं पर्वतीय इलाकों मसलन नेलम वैली, कर्सिंग जैसी संवेदनशील जगहों पर नजर रखती हैं.

पाकिस्तान में कहां कितने सैनिक तैनात ?

पीओके में पाकिस्तान ने एक लाख की आबादी के हिसाब से औसतन सबसे अधिक 1056 सेना के जवान तैनात कर रखे हैं. दूसरे नंबर पर यहां गिलगिट बाल्टिस्तान क्षेत्र हैं जहां एक लाख की आबादी के सापेक्ष औसतन 869 सैनिक तैनात हैं. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में यह संख्या 300 से 399 तक हो जाती है, जबकि बलूचिस्तान इलाका जो आतंकियों से सबसे ज्यादा प्रभावित है, यहां प्रति एक लाख आबादी पर पाकिस्तान ने 200 से 299 सैनिकों की तैनाती कर रखी है.

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पीओके में सबसे ज्यादा सेना तैनात करने की वजह क्या?

1- भारत से खतरा

भारत ओर पाकिस्तान के बीच पीओके सबसे संवेदनशील मुद्दा है, पाकिस्तान इसे आजाद कश्मीर कहता है. पाकिस्तान पूरे कश्मीर पर दावा करता है, जबकि असल में पूरा कश्मीर भारत का है. मोदी सरकार की ओर से लगातार अपने कश्मीर को वापस लेने की बात कही गई है. ऐसे में पाकिस्तान यहां सेना और अर्धसैनिक बलों को इसलिए बड़ी संख्या में तैनात रखता है, ताकि किसी भी सैन्य दबाव का तुरंत जवाब दिया जा सके.

2- आतंकियों की सुरक्षा

भारत पीओके में घुसकर कई बार स्ट्राइक कर चुका है, यह वो इलाका है जहां बड़ी संख्या में पाक आतंकियों को पनाह दिए हुए हैं. यहीं पर लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के प्रशिक्षण शिविर हैं. सेना इनकी सुरक्षा और लॉजिस्टिक सपोर्ट देने के लिए भी यहां डिप्लॉय होती है. इसके अलावा यहां कई ऐसे गुट भी हैं जो पाकिस्तान से संतुष्ट नहीं हैं और लगातार आजादी की मांग करते हैं, कुछ संगठन भारत के साथ जाने की खुली वकालत कर चुके हैं. सेना की मौजूदगी इन पर नियंत्रण का भी एक बहाना है.

3- चीन का आर्थिक गलियारा

पीओके में पाक सेना की बड़ी तैनाती का एक मकसद चीन के आर्थिक गलियारा की सुरक्षा भी है. CPEC के कई अहम प्रोजेक्ट पीओके और गिलगिट बाल्टिस्तान इलाके से होकर गुजरते हैं. यह इलाका विद्रोही गुटों के निशाने पर भी हैं, कई बार यहां घटनाएं हो चुकी हैं जिन्हें लेकर चीन ने पाकिस्तान को लताड़ा भी है.पाकिस्तान इन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा परियोजनाएं मानकर सेना की तैनाती रखता है, ताकि विद्रोहियों से इनकी रक्षा की जा सके.