भारत-पाक युद्ध हुआ तो हमारा साथ देगा सऊदी, PAK रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का बयान

भारत-पाक युद्ध हुआ तो हमारा साथ देगा सऊदी, PAK रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का बयान
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ.

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि भारत के साथ युद्ध की स्थिति में सऊदी अरब पाकिस्तान के साथ खड़ा रहेगा. आसिफ का यह बयान पाकिस्तान और सऊदी के बीच हुए रक्षा समझौते के कुछ ही दिन बाद आया है. एक इंटरव्यू के दौरान आसिफ से पूछा गया कि अगर भारत और पाकिस्तान युद्ध में उतरते हैं तो क्या सऊदी अरब इसमें शामिल होगा.

इस पर आसिफ ने कहा, ‘हां बिल्कुल. इसमें कोई शक नहीं है.’ आसिफ ने जोर देकर कहा कि समझौते के तहत दोनों इस्लामी देश किसी भी हमले की स्थिति में मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान या सऊदी अरब पर कहीं से भी हमला होता है, तो इसे दोनों देशों पर हमला माना जाएगा और हम मिलकर जवाब देंगे.

भारत की कार्रवाई के बाद समझौता

पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद मई में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत कार्रवाई की थी. भारत ने पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की थी. सऊदी और पाकिस्तान के बीच हुए समझौते का औपचारिक नाम ‘रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौता’ है.

यह किसी भी देश पर हमले की स्थिति में संयुक्त रक्षा का वचन देता है और पाकिस्तान तथा सऊदी अरब के बीच दशकों पुराने सुरक्षा संबंधों को मजबूत करता है. उप-प्रधानमंत्री इशाक डार ने कहा है कि सऊदी समझौते के बाद अन्य देश भी इस्लामाबाद के साथ इसी तरह के रणनीतिक रक्षा समझौतों में रुचि रखते हैं.

भारत ने समझौते पर प्रतिक्रिया दी

इस बीच भारत ने गुरुवार को प्रतिक्रिया जारी करते हुए कहा कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा पर इस समझौते के प्रभाव का बारीकी से अध्ययन करेगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, हमने सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच एक रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर की खबरें देखी हैं. सरकार को इस बात की जानकारी थी कि यह घटनाक्रम, जो दोनों देशों के बीच एक दीर्घकालिक समझौते को औपचारिक रूप देता है, विचाराधीन था.

जायसवाल ने कहा कि हम अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर इस घटनाक्रम के प्रभावों का अध्ययन करेंगे. सरकार भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा और सभी क्षेत्रों में व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. जायसवाल ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा सबसे ऊपर है.