भारत-चीन मिलकर करें अमेरिका के टैरिफ और ट्रेड वॉर का विरोध- जू फेइहोंग

भारत-चीन मिलकर करें अमेरिका के टैरिफ और ट्रेड वॉर का विरोध- जू फेइहोंग


राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ लगाने के बाद से चीन और भारत साथ मिलकर अमेरिका के दबाव का सामना करने का प्रयास कर रहे हैं. भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने कहा कि एशिया की दो प्रमुख विकासशील अर्थव्यवस्था भारत और चीन को किसी भी तरह के टैरिफ और ट्रेड वार का साथ मिलकर कड़ा विरोध करना चाहिए और बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था को बनाए रखना चाहिए.

सोमवार को मीडिया से बात करते हुए फेइहोंग ने कहा, “हमें मिलकर एक समान और हर किसी को फायदा देने वाले आर्थिक वैश्वीकरण की वकालत करनी चाहिए, किसी भी प्रकार के टैरिफ और व्यापार युद्धों का कड़ा विरोध करना चाहिए. बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था को साथ मिलकर बनाए रखना चाहिए, विकासशील देशों के साझा हितों की रक्षा करनी चाहिए और ग्लोबल साउथ के सामूहिक उत्थान में योगदान देना चाहिए.”

दुनिया अशांति और परिवर्तन के नए दौर में प्रवेश कर चुका

जापानी हमले पर जीत की 80वीं वर्षगांठ पर बोलते हुए फेइहोंग ने कहा कि विश्व अशांति और परिवर्तन के एक नए दौर में प्रवेश कर चुका है, जहां लोगों को शांति और युद्ध, संवाद और टकराव के बीच चुनाव करना है. उन्होंने कहा, “हाल में सालों में एकतरफावाद और धौंस-धमकी बढ़ रही हैं.

भारत-चीन के संबंध

भारत-चीन संबंधों पर बोलते हुए फेइहोंग ने कहा, “चीन और भारत को प्रमुख शक्तियों के रूप में दुनिया के सामने एक जिम्मेदार राष्ट्र की तरह कदम उठाने चाहिए और विश्व शांति की रक्षा, आम विकास को बढ़ावा देने और वैश्विक शासन में सुधार करने में योगदान देना चाहिए.” उन्होंने आगे कहा कि इस उद्देश्य से सबसे पहले हमें प्रतिरोध युद्ध के दौरान बनी महान मित्रता को आगे बढ़ाना चाहिए और प्रमुख पड़ोसी देशों के बीच शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के रास्ते पर संयुक्त रूप से चलना चाहिए.

भारत और चीन के बीच रिश्ते सुधर रहे हैं. दोनों देशों का व्यापार इस साल के पहले सात महीनों में 88 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जिसमें साल-दर-साल 10.5 फीसद की वृद्धि हुई है.