जब-जब हिंदी सिनेमा के दिग्गज एक्टर्स की गिनती होती है तो उसमें संजीव कुमार का नाम जरूर आता है. उन्होंने काफी कम उम्र में ही दुनिया छोड़ दी थी. 6 जुलाई 1985 को 47 साली की उम्र में उनका निधन हो गया था. वो लोगों को ढेरों बेहतरीन फिल्में दे गए, जिसके लिए लोग आज भी उन्हें याद करते हैं.
9 जुलाई 1938 को सूरत में जन्में संजीव कुमार की आज जन्म जयंती है. उन्हें दुनिया को अलविदा कहे 40 साल हो गए हैं. पर वो अब भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं. उनका असली नाम है हरिहर जेठालाल जरीवाला था. हालांकि, जब वो थिएटर करते थे उस समय डायरेक्टर सावन कुमार टाक ने उन्हें संजीव कुमार स्क्रीन नेम दिया था. फिर वो इसी नाम से फेमस हुए और लोगों के दिलों में बस गए.
संजीव कुमार ने साल 1960 में रिलीज हुई फिल्म ‘हम हिन्दुस्तानी’ के जरिए अपना बॉलीवुड करियर शुरू किया था. उसके बाद उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और 170 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया. उनकी 10 फिल्में तो ऐसी हैं, जो उनके निधन के बाद रिलीज हुई थीं.
मौत के बाद रिलीज हुईं फिल्मों के नाम
संजीव कुमार की वो 10 फिल्में, जो उनकी मौत के बाद रिलीज हुई थीं उनके नाम हैं- कातिल (1986), हाथों की लकीरें (1986), बात बन जाए (1986), कांच की दीवार (1986), लव एंड गॉड (1986), राही (1986), दो वक्त रोटी (1988) नामुमकिन (1988), ऊंच नीच बीच (1989), प्रोफेसर की पड़ोसन (1993). उनकी ये फिल्में भी काफी पॉपुलर हुई थीं.
संजीव कुमार का सबसे फेमस रोल
यूं तो संजीव कुमार के निभा गए सारे किरदारों को लोगों ने पसंद किया और आज भी उन किरदारों के लिए उन्हें याद किया जाता है. हालांकि, उनका जो सबसे पॉपुलर किरदार रहा वो है शोले के ठाकुर बलदेव सिंह का. अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र इस फिल्म में लीड रोल में थे. संजीव कुमार ने ठाकुर का रोल प्ले किया था. इस रोल में उन्हें लोगों का इस कदर प्यार मिला था कि फिल्म की तरह उनका किरदार भी अमर हो गया.