अगर बैंक में जमा पैसे की सुरक्षा चाहते हैं तो ये खबर आपके काम की है। दरअसल, अब आने वाले वक्त में आपको इस पैसे की सुरक्षा के लिए प्रीमियम का भुगतान करना पड़ सकता है। बता दें कि जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) के तहत बैंक में जमा पैसे पर 5 लाख रुपये तक की बीमा है। मतलब ये हुआ कि बैंक डूबने या बंद होने की स्थिति में ग्राहक को जमा रकम का अधिकतम 5 लाख रुपये तक की बीमा राशि मिलती है। हालांकि, ग्राहकों को यह बीमा मुफ्त में मिलती है लेकिन अब रिजर्व बैंक इस पर प्रीमियम वसूलने के संकेत दे रहा है। इसके लिए आरबीआई के डिप्टी गर्वनर ने बीमाकर्ता को सलाह भी दी है।
कैसे मिले संकेत
भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे ने एक कार्यक्रम में कहा कि जमा बीमा के लिए जोखिम से जुड़ी प्रीमियम व्यवस्था विचार करने लायक मामला है। इससे उच्च जोखिम वाले संस्थानों के इंश्योरेंस फंड में अधिक योगदान देना सुनिश्चित हो सकेगा।
निगरानी व्यवस्था मजबूत करने की जरूरत
उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे वित्तीय क्षेत्र अधिक डिजिटल होता जा रहा है, जमा बीमाकर्ताओं को निगरानी व्यवस्था को मजबूत करने के लिए नियामकों और पर्यवेक्षकों के साथ मिलकर काम करने की जरूरत बढ़ रही है। सक्रिय रुख अपनाकर जमा बीमाकर्ता यह सुनिश्चित करने में मदद कर सकते हैं कि उनके दायरे में आने वाले वित्तीय संस्थान इन जोखिमों से निपटने के लिए पर्याप्त रूप से तैयार हैं। इससे जमाकर्ताओं का भरोसा बना रहेगा।
डिप्टी गवर्नर ने कहा- बीमा प्रीमियम को व्यक्तिगत वित्तीय संस्थानों में उत्पन्न जोखिम के स्तर से जोड़कर, जमा बीमाकर्ता बैंकों को मजबूत जोखिम प्रबंधन गतिविधियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। यह दृष्टिकोण न केवल वित्तीय प्रणाली की समग्र स्थिरता को बढ़ाता है बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि उच्च जोखिम वाले संस्थान बीमा कोष में अधिक योगदान दें।