भारत के पंजाब के साथ-साथ पाकिस्तान का पंजाब भी बाढ़ का कहर झेल रहा है. पिछले दो हफ्तों में पाकिस्तान के पंजाब में बाढ़ की वजह से 37 लाख लोग बेघर हो गए हैं, जिसके बाद पाकिस्तान सरकार और कई संगठन बचाव और सहायता का काम कर रहे हैं. इन बचाव कार्य करने वालों में जमात-उद-दावा भी शामिल है.
जमात-उद-दावा, एक कट्टरपंथी इस्लामी संगठन है जिसे लश्कर-ए-तैयबा की शाख माना जाता है. इस समूह को 2008 में मुंबई पर हुए हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. इसका प्रमुख भारत का वांटेड हाफिज सईद है. संगठन ने कहा कि उसके 2 हजार सदस्य देश के उत्तर-पश्चिम और पंजाब प्रांत में बाढ़ राहत के लिए काम कर रहे हैं.
सईद के प्रतिबंधित समूहों का नया चेहरा माने जाने वाले पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग (PMML) की ओर से गुरुवार को एक बयान के साथ जारी की गई तस्वीर में फैसलाबाद के डिप्टी कमिश्नर नदीम नासिर समूह के सदस्यों के साथ बुधवार को जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करते हुए एक नाव पर सवार दिखाई दे रहे हैं.
मरियम नवाज की पार्टी की नहीं आई टिप्पणी
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेतृत्व वाली प्रांतीय सरकार की ओर से PMML टीम के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नासिर के दौरे के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया. लेकिन कई लोग मान रहे हैं कि इसके जरिए हाफिज सईद हमदर्दी जुटाने में लगा है.
ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने तोड़ी थी समूह की कमर
हाफिज सईद संयुक्त राष्ट्र की ओर घोषित एक आतंकवादी है जिस पर अमेरिका ने 1 करोड़ अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा था. जुलाई 2019 में आतंकवाद के वित्तपोषण के एक मामले में गिरफ्तार होने के बाद से वह लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद है.
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना मुरीदके स्थित लश्कर-ए-तैयबा के अड्डे को निशाना बनाया था. इस हमले में जमात-उद-दावा के तीन कार्यकर्ता मारे गए और उनके अंतिम संस्कार में पाकिस्तानी सेना, पुलिस और नागरिक नौकरशाही के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.