दिल्ली में भारी बारिश और यमुना के उफान से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। नदी का जलस्तर 207 मीटर से ऊपर पहुंच गया है, जिससे निचले इलाकों में पानी घुस गया है। यहां तक कि कई राहत शिविरों में भी बाढ़ का पानी भर गया है। पुराना उस्मानपुर और गढ़ी मांडू गांव के पास पानी पहुंच चुका है।
मौसम विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने दिल्ली के कई इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। सफदरजंग में 24 घंटों में 19.8 मिमी, पालम में 9.1 मिमी, लोधी रोड में 11.4 मिमी, रिज में 28.2 मिमी और आयानगर में 5.7 मिमी बारिश दर्ज की गई। दिल्ली के मध्य, पूर्व, उत्तर-पूर्व, शाहदरा, दक्षिण और दक्षिण-पूर्व जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद को ऑरेंज अलर्ट पर रखा गया है।
हथिनीकुंड से छोड़ा गया पानी और बढ़ी मुश्किलें
हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज (Delhi Flood Update) से लगातार बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है। मंगलवार रात तक इसका प्रवाह 2 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया था। इससे यमुना का जलस्तर और बढ़ गया, जिसके चलते दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है।
शाम 6 बजे तक यमुना का जलस्तर:
- हथनीकुंड बैराज से बहाव: 1,74,442 क्यूसेक
- वजीराबाद बैराज से बहाव: 1,82,270 क्यूसेक
- ओखला बैराज से बहाव: 2,18,028 क्यूसेक
- ओआरबी पर स्तर: 207.33 मीटर
हजारों लोग विस्थापित, यातायात प्रभावित
बाढ़ के चलते 10,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। निचले इलाकों के लोग अपने घर और सामान छोड़कर सुरक्षित जगहों पर जाने को मजबूर हैं। पुराने रेलवे पुल को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। दिल्ली में बाजारों में नाव चल रही हैं और कई सड़कें नालों में तब्दील हो गई हैं। मजनू का टीला से लेकर मदनपुर खादर और बदरपुर तक सैकड़ों परिवार प्रभावित हुए हैं।
63 साल में चौथी बार खतरे का स्तर पार
यमुना नदी ने बीते 63 वर्षों में केवल चार बार 207 मीटर का स्तर पार किया है। इस बार की बाढ़ को दिल्ली में हाल के वर्षों की सबसे गंभीर स्थितियों में से एक माना जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले कुछ दिन हालात और चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।