फेस्टिव सीजन से पहले जोमैटो, स्विगी और मैजिकपिन जैसे ऑनलाइन फूड एग्रीगेटर्स ने आम लोगों को बड़ा झटका दे दिया है. इन प्लेटफॉर्म्स ने प्लेटफॉर्म फीस महंगा करने का ऐलान कर दिया है. जिसके बाद देशभर के लाखों लोगों के लिए ऑनलाइन खाना ऑर्डर करना महंगा हो जाएगा. 22 सितंबर से डिलिवरी चार्ज पर 18 फीसदी जीएसटी लगने के कारण यह और भी बढ़ सकता है. आइए आपको भी बताते हैं कि इस कंपनी की ओर से प्लेटफॉर्म फीस में कितना इजाफा किया है.
किस कंपनी ने किया कितना इजाफा
स्विगी ने चुनिंदा बाजारों में अपना प्लेटफॉर्म चार्ज जीएसटी सहित 15 रुपए कर दिया है. प्रतिद्वंद्वी जोमैटो ने अपना शुल्क बढ़ाकर 12.50 रुपये (जीएसटी को छोड़कर) कर दिया है, जबकि तीसरी सबसे बड़ी खाने की डिलिवरी करने वाली कंपनी मैजिकपिन ने भी व्यापक उद्योग रुझानों के अनुरूप, अपना मंच शुल्क संशोधित करके 10 रुपये प्रति ऑर्डर कर दिया है. माना जा रहा है कि 22 सितंबर से डिलिवरी शुल्क पर लगाए जाने वाले 18 फीसदी जीएसटी के कारण जोमैटो यूजर्स के लिए प्रति ऑर्डर लगभग दो रुपये और स्विगी ग्राहकों के लिए 2.6 रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. अभी तक इस बारे में स्विगी और जोमैटो की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
कमाई का नया सोर्स
मैजिकपिन के प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी पहले से ही अपने फूड डिस्ट्रीब्यूशन कॉस्ट पर 18 फीसदी जीएसटी का भुगतान कर रही है. प्रवक्ता ने आगे कहा कि जीएसटी में हालिया बदलाव हमारी कॉस्ट स्ट्रक्चर को प्रभावित नहीं करती हैं. इसलिए, यूजर्स पर जीएसटी वृद्धि का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. हमारा मंच शुल्क 10 रुपए प्रति ऑर्डर ही रहेगा, जो प्रमुख खाद्य वितरण कंपनियों में सबसे कम है. हाल के दिनों में मंच शुल्क खाद्य वितरण कंपनियों के लिए राजस्व का एक अतिरिक्त स्रोत बनकर उभरा है. जोमैटो, स्विगी और मैजिकपिन द्वारा एक साथ की गई बढ़ोतरी भारत के खाद्य वितरण क्षेत्र में बढ़ती लागत के बढ़ते रुझान को रेखांकित करती है, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या लाखों ग्राहकों के लिए सामर्थ्य और सुविधा अब भी साथ-साथ चल सकती है.