पंडित धीरेंद्र शास्त्री इंदौर में बोले- एआई की तरह एचआई बनकर मचाना है तहलका

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- रंगून, बर्मा में हिंदू थे और नेपाल हिंदू राष्ट्र था। गजवा-ए-हिंद को पछाड़कर भगवा हिंद करना है। मतांतरण को रोकने के लिए यहां के लोगों को, युवाओं को रोजगार देना चाहिए। आपस में व्यापार व्यवसाय करना होगा। आपकी संपत्ति को बचाना है।

आजकल दुनिया में ‘एआई’ ने जैसा तहलका मचाया है वैसा प्रयोग हमें ‘एचआई’ बनाकर करना है। इसका मतलब हिंदू इंटेलेक्चुल बनाकर करना है। हम किसी मजहब के खिलाफ नहीं हैं।

कुछ लोग हमें कट्टर कहते हैं, लेकिन यह मत समझो कि हम किसी के विरोधी हैं, हम तो बस भारत के पक्ष में हैं। भारत में रहने वाला मुस्लिम और ईसाई भी हिंदू हैं। जातिवाद के नाम पर हिंदुओं को तोड़ने का काम किया गया है।

यह बात बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेद्र कृष्ण शास्त्री ने शनिवार को लालबाग परिसर में कही। वे हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान द्वारा आयोजित पांच दिवसीय सेवा मेले के तीसरे दिन संबोधित कर रहे थे।

हिंदू का मतलब जीवन जीने की शैली से

पांच घंटे की देरी से शुरू हुए उद्बोधन में उन्होंने कहा कि हिंदू का मतलब जीवन जीने की शैली से है। हिंदुओं को तोड़ने के लिए जात-पात और ऊंच-नीच की लकीरें खींची गईं। आज देश को बांग्लादेश बनने से रोकना जरूरी है, जब पाकिस्तान बना था तो वहां 22 फीसद हिंदू थे जो अब मात्र दो प्रतिशत रह गए हैं।

हिंदू को जाना पड़ा तो कहां जाएगा

उन्होंने कहा- दूसरे धर्म के लोग तो अन्य देश जा सकते हैं, लेकिन हिंदू को जाना पड़ा तो कहां जाएगा, विचार करें। लव जिहाद से माताओं तुम्हें अपने बेटे-बेटियों को बचाना है। इसके लिए उन्हें गीता-रामायण का पाठ पढ़ाओ। हर मंगलवार मंदिर जाओ और एकता के लिए गांव-गांव बैठक करो।

बच्चों में संस्कारों का शृंगार करें

माता जब ब्यूटी पार्लर जाने के लिए समय निकाल सकती हैं तो अपने बच्चों का संस्कारों से शृंगार करने के लिए, सनातन संस्कृति से जोड़ने के लिए प्रयास क्यों नहीं कर सकती हैं। हम जल्द पदयात्रा लेकर आएंगे। 26 फरवरी को 251 जोड़ों का विवाह कर रहे हैं।

पंडित शास्त्री की रंगोली आकर्षण का केंद्र रही

कार्यक्रम संयोजक सचिन बघेल और प्रचार प्रमुख जवाहर मंगवानी ने बताया कि पं. शास्त्री की 16 बाय 16 की रंगोली भी आकर्षण का केंद्र थी। उद्योगपति विनोद अग्रवाल, गुणवंत सिंह कोठारी, महामंडलेश्वर दादू महाराज, रणजीत हनुमान मंदिर के पुजारी अशोक भट्ट, रणजीत हनुमान मंदिर के पुजारी दीपेश व्यास, दिनेश दवे मौजूद थे।

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