न करें आखिरी समय का इंतजार, समय रहते भर दें इनकम टैक्स रिटर्न, मिलेंग ये फायदे

न करें आखिरी समय का इंतजार, समय रहते भर दें इनकम टैक्स रिटर्न, मिलेंग ये फायदे
इनकम टैक्‍स

कल्पना कीजिए साल का आखिरी महीना चल रहा है, लेकिन आपका इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) अब तक फाइल नहीं हुआ है. ऐसा बहुत से लोग करते हैं. फाइलिंग को आखिरी वक्त तक टालते रहते हैं. नतीजा? रिफंड में देरी, बेवजह का तनाव और कई बार जुर्माना भी देना पड़ सकता है.

हैरानी की बात ये है कि अब टैक्स भरना पहले से बहुत आसान हो गया है, फिर भी लोग इसे लेकर टालमटोल करते रहते हैं. चलिए समझते हैं कि देरी क्यों होती है और इस बार (FY 2024-25) आप वक्त रहते अपना ITR कैसे फाइल कर सकते हैं.

देरी की 3 बड़ी वजहें

जरूरी कागजों का इंतज़ार

अधिकांश लोग ITR फॉर्म या पोर्टल अपडेट होने तक इंतजार करते हैं. फॉर्म 16 (सैलरी सर्टिफिकेट), फॉर्म 16A (TDS सर्टिफिकेट) और AIS (Annual Information Statement) जैसे डॉक्युमेंट्स जून के बाद ही मिलते हैं. बिना सारे कागजों के फाइल करने में गलती का डर बना रहता है.

नया टैक्स सिस्टम समझ नहीं आना

नया डिफॉल्ट टैक्स सिस्टम, पोर्टल पर नए बदलाव इन बातों ने कई सैलरी क्लास लोगों और नए टैक्सपेयर्स को उलझा रखा है. इसी वजह से लोग शुरुआत ही नहीं कर पाते.

डेडलाइन बढ़ना

इस बार फाइलिंग की आखिरी तारीख 15 सितंबर 2025 कर दी गई है ताकि सबको ज्यादा वक्त मिल सके. लेकिन अकसर डेडलाइन बढ़ने से लोग और भी टालते रहते हैं.

असल दिक्कत: सोच का डर

देरी सिर्फ डॉक्युमेंट्स या टेक्निकल दिक्कत से नहीं होती. ज्यादातर लोग सोचते हैं. ये बहुत पेचीदा है, गलती हो जाएगी और अभी तो बहुत टाइम है. यही सोच आखिरी वक्त में तनाव बढ़ा देती है. CA रुचिका भगत कहती हैं, टैक्स फाइलिंग में गलती का डर या पैसों से जुड़ा तनाव लोगों को इसे टालने पर मजबूर करता है. इसका इलाज है तय तारीख, काम को टुकड़ों में बांटना और इसे जिम्मेदारी समझना.

इस बार वक्त पर ITR फाइल करने के 5 आसान तरीके

1. अलार्म लगा लें: जून-जुलाई में जैसे ही सारे डॉक्युमेंट्स मिलें, कैलेंडर या फोन में ITR फाइलिंग का रिमाइंडर डालें. और तय कर लें कि अगले 15 दिन में फाइलिंग खत्म कर दूंगा.

2. कागज पहले से इकट्ठे करें: सैलरी स्लिप, किराये की रसीद, बैंक इंटरेस्ट सर्टिफिकेट, फॉर्म 16, निवेश की डिटेल सब एक फोल्डर में रख लें.

3. फॉर्म 26AS और AIS मिलान करें: इनकम टैक्स पोर्टल पर फॉर्म 26AS और AIS चेक करें. देख लें कि TDS और इनकम की डिटेल आपके रिकॉर्ड से मैच कर रही हैं या नहीं.

4. नया या पुराना टैक्स सिस्टम चुनें: देखें कि आपके लिए कौन सा सिस्टम बेहतर है. पुराना या नया? उलझन हो तो किसी अच्छे CA से पूछ लें.

5. सही प्लेटफॉर्म या सलाह लें: ऑनलाइन फाइलिंग पोर्टल्स या किसी भरोसेमंद CA की मदद लें. इससे गलती की गुंजाइश कम रहती है.

अगर आप 15 सितंबर 2025 तक ITR फाइल नहीं करते तो आपको धारा 234F के तहत जुर्माना देना पड़ सकता है. जिसमें 5 लाख की आय पर 1 हजार रुपए और 5 लाख से ज्यादा की आय पर 5 हजार रुपए जुर्माना देना पड़ सकता है.