रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले के मामले में ईडी ने पहली पूरक चार्जशीट दाखिल कर दी है। इसमें आरोपी के तौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव का भी नाम शामिल है। तेजस्वी यादव बिहार के डिप्टी सीएम रह चुके हैं। मनी लॉन्ड्रिंग के ऐंगल से ईडी इस मामले में जांच कर रही है। एजेंसी ने 100 पन्नों की जो चार्जशीट दाखिल की है, उसमें लालू और तेजस्वी के अलावा 8 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। विशेष सरकार वकील मनीष जैन और वकील ईशान बैसला ने बताया कि चार्जशीट के साथ 96 दस्तावेज भी दिए गए हैं।
चार्जशीट के आधार पर अब बहस शुरू होगी, जिसके लिए स्पेशल जज विशाल गोगने ने 13 अगस्त की तारीख तय की है। इससे पहले एजेंसी ने इसी साल जनवरी में चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें राबड़ी देवी, मीसा भारती, लालू की एक अन्य बेटी हेमा यादव और अमित कात्याल के नाम शामिल थे। यही नहीं रेलवे के पूर्व कर्मचारी हृदयानंद चौधरी का नाम भी चार्जशीट में था। इस मामले की जांच सीबीआई ने शुरू की थी, जिसके बाद ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग के ऐंगल से केस अपने हाथ में लिया। आरोप है कि लालू प्रसाद यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे थे।
इस दौरान ग्रुप डी की नौकरियां देने के एवज में लोगों से जमीनें हथिया ली गईं। इस केस में लालू समेत परिवार के कई लोग आरोपी हैं। जिन लोगों से नौकरी के बदले जमीन ली गई, उनमें से ज्यादातर लोग गरीब परिवारों से हैं। ईडी के अलावा सीबीआई ने भी इस केस में लालू परिवार को आरोपी बनाया है। हालांकि सीबीआई केस में अदालत ने उन्हें बेल दी थी और कहा था कि जब उन्हें जांच के दौरान ही अरेस्ट नहीं किया गया तो फिर अब क्यों ऐसा किया जाए। ईडी ने अमित कात्याल को 11 नवंबर, 2023 को अरेस्ट किया था और वह अब भी न्यायिक हिरासत में हैं। कात्याल ने बेल की अर्जी भी डाली है, जो फिलहाल हाई कोर्ट में लंबित है। वहीं ट्रायल कोर्ट से अर्जी खारिज हो चुकी है।
एजेंसी का दावा है कि नौकरी के बदले जमीन का पूरा खेल एके इन्फोसिस्टम्स और एबी एक्सपोर्ट्स के नाम पर किया गया। दावा है कि इन कंपनियों को लालू परिवार को फायदा देने के लिए बनाया गया था। एके इन्फोसिस्टम्स ने 1.89 करोड़ रुपये में 11 जमीन के टुकड़े खरीदे थे। इसके अलावा यह कंपनी ही बाद में महज 1 लाख रुपये में लालू परिवार के सदस्यों के नाम पर ट्रांसफर कर दी गई ।