विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल
विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर भारतीय नागरिकों को चेतावनी दी है कि वे किसी भी हाल में रूसी सेना में भर्ती होने के ऑफर को स्वीकार न करें. हाल ही में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहाँ भारतीयों को नौकरियों का लालच देकर झूठे वादों के सहारे रूसी सेना में शामिल किया गया.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बयान जारी कर कहा कि ये मामला रूस के साथ दिल्ली और मॉस्को दोनों जगह उठाया गया है. भारत ने रूसी अधिकारियों से सख्ती से आग्रह किया है कि इस प्रथा को तुरंत रोका जाए और जिन भारतीयों को फँसाकर भर्ती किया गया है, उन्हें मुक्त किया जाए.
मोदी-पुतिन बैठक में भी हो चुकी है चर्चा
जानकारी के मुताबिक, फर्जी भर्ती का मुद्दा पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बैठक में उठाया जा चुका है. भारत सरकार लगातार इस मामले पर रूस पर दबाव बना रही है, ताकि किसी भी भारतीय को मजबूरी में या धोखे से युद्ध जैसी खतरनाक स्थिति में न धकेला जाए.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार उन भारतीय नागरिकों के साथ लगातार संपर्क में है, जो इस भर्ती प्रक्रिया से प्रभावित हुए हैं. कई लोगों ने अपनी परेशानी साझा की है, और भारत उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने की कोशिश में लगा है.
सरकार की सख्त अपील
विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया कि हम एक बार फिर सभी भारतीय नागरिकों से सख्त अनुरोध करते हैं कि रूसी सेना में शामिल होने के किसी भी प्रस्ताव से दूर रहें, क्योंकि यह बेहद खतरनाक कदम है. कई एजेंसियाँ या दलाल रूस में रोज़गार का सपना दिखाकर युवाओं को आकर्षित कर रही हैं, लेकिन असलियत में उन्हें सीधे सेना में धकेल दिया जाता है. सरकार ने लोगों से अपील की है कि ऐसे लालच में न फँसें और किसी भी संदिग्ध ऑफर की तुरंत जानकारी दें.