नेपाल: हिंसा में मारे गए Gen-Z को मिलेगा शहीद का दर्जा, हर परिवार को मिलेंगे 10 लाख रुपए

नेपाल: हिंसा में मारे गए Gen-Z को मिलेगा शहीद का दर्जा, हर परिवार को मिलेंगे 10 लाख रुपए
नेपाल की प्रधानमंत्री सुशीला कार्की.

नेपाल की प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने रविवार को कहा कि पिछले हफ्ते सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान देशभर में हिंसा और विनाश में शामिल रहे लोगों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा. कार्की (73) ने यह भी घोषणा की कि जेन जेड प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों को शहीद घोषित किया जाएगा और उनके परिजनों को दस लाख नेपाली रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी.

उन्होंने काठमांडू के सिंह दरबार सचिवालय में नवनिर्मित गृह मंत्रालय भवन में पदभार ग्रहण किया. नेपाल की पूर्व प्रधान न्यायाधीश कार्की को राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने जेन जेड समूह की सिफारिश पर कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया था. इस समूह ने दो-दिवसीय विरोध प्रदर्शन के माध्यम से मंगलवार को केपी शर्मा ओली सरकार को उखाड़ फेंका था.

आज राष्ट्रपति कार्यालय में शपथ लेंगे मंत्री

इस बीच, राष्ट्रपति कार्यालय के सूत्रों ने बताया है कि प्रधानमंत्री की सिफारिश पर राष्ट्रपति पौडेल ने कुलमन घीसिंग, रामेश्वर खनल और ओम प्रकाश आर्यल को मंत्री नियुक्त किया है. सूत्रों के अनुसार घीसिंग को ऊर्जा, शहरी विकास और सड़क एवं परिवहन मंत्रालय मिलेगा; खनाल को वित्त और आर्यल को गृह मंत्रालय मिलेगा. इन तीनों मंत्रियों का आज दोपहर राष्ट्रपति कार्यालय में शपथग्रहण होगा.

न्याय के कठघरे में लाए जाएंगे लोग

बीते मंगलवार को हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय में आग लगा दिए जाने के बाद सरकार ने प्रधानमंत्री कार्यालय को सिंह दरबार परिसर में नवनिर्मित गृह मंत्रालय भवन में स्थानांतरित कर दिया है. पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद सचिवों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री कार्की ने कहा कि हिंसा और सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति के विनाश में शामिल लोगों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा.

आगजनी और तोड़फोड़

उन्होंने कहा कि नौ सितंबर के विरोध प्रदर्शन के दौरान आगजनी तथा तोड़फोड़ सुनियोजित थी और जेन-जेड प्रदर्शनकारी ऐसी गतिविधियों में शामिल नहीं थे. कार्की ने कहा कि जिस तरह की आगजनी और तोड़फोड़ हुई है, वह एक आपराधिक कृत्य है. इसे सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया. इसके लिए जिम्मेदार लोगों को सजा मिलनी चाहिए.

पुलिस चौकियों की मरम्मत

उन्होंने मुख्य सचिव एकनारायण अर्याल को देश भर में नष्ट हुईं पुलिस चौकियों की मरम्मत का प्रबंध करने का भी निर्देश दिया. पिछले सोमवार को सोशल मीडिया पर सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ शुरू हुआ यह आंदोलन जल्द ही एक बड़े अभियान में बदल गया, जिसमें भ्रष्टाचार के प्रति जनता का गुस्सा और राजनीतिक वर्ग की कथित उदासीनता की झलक दिखी.

मरने वालों की संख्या 72

केपी शर्मा ओली ने तब इस्तीफा दे दिया था, जब सैकड़ों आंदोलनकारी उनके कार्यालय में घुस गए और प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्रवाई में कम से कम 19 लोगों की मौत के लिए उनके त्यागपत्र की मांग करने लगे. इस बीच, मुख्य सचिव आर्यल ने बताया कि आंदोलन के दौरान मरने वालों की संख्या 72 हो गई है, जिनमें तीन पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इनमें 59 प्रदर्शनकारी और 10 कैदी शामिल हैं.