फिजी में एक मंदिर में तोड़फोड़ हुई है. सुवा के ऐतिहासिक समबुला शिव मंदिर में शुक्रवार को तोड़फोड़ की गई. मंदिर में तोड़फोड़ के बाद फिजी के पूर्व अटॉर्नी जनरल ने दावा किया है कि भारतीय-फिजियन समुदाय पर हमले बढ़ रहे हैं और सरकार उन्हें बड़े पैमाने पर नजरअंदाज कर रही है. पूर्व अटॉर्नी जनरल अयाज सईद खैयूम ने यह तीखी टिप्पणी समबुला शिव मंदिर में हुई तोड़फोड़ के बाद की.
तोड़फोड़ की इस घटना में मंदिर में 100 साल पुरानी मूर्तियों को तोड़ा गया, इस ने धार्मिक संगठनों और नेताओं दोनों में आक्रोश पैदा कर दिया है. फिजी में हुई इस घटना से भारतीय गुस्से में हैं और फिजी में रह रहे भारतीयों के खिलाफ फैलाई जा रही नफरत और भेदभाव के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं.
मंदिर में कब हुई तोड़फोड़?
मंदिर में हुई तोड़फोड़ को लेकर फेसबुक पर एक वीडियो वायरल हुई है. शुक्रवार को मंदिर में यह हरकत हुई. वीडियो में एक व्यक्ति मंदिर में उत्पात मचाते हुए गर्भगृह में भगवान शिव की मूर्ति सहित सभी देवताओं की मूर्तियों को तोड़ रहा है.
फिजी की श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा इस मामले के बाद सरकार से पूजा स्थलों की सुरक्षा बढ़ाने और बेअदबी से जुड़े कानूनों को मजबूत करने की मांग कर रही है. सभा के अध्यक्ष धीरेंद्र नंद ने बताया कि एक व्यक्ति ने कथित तौर पर मंदिर की बाड़ फांदी, दरवाजा तोड़ा और लोहे की छड़ से पवित्र मूर्तियों को नष्ट कर दिया. फिर मंदिर की देखभाल करने वाले पर हमला करने की कोशिश की.
नंद ने कहा कि हिंदू समुदाय, जो देश की कुल आबादी का लगभग 24 प्रतिशत है, उसको इससे आध्यात्मिक और भावनात्मक क्षति हुई है. साथ ही फ़िजी भर के हजारों श्रद्धालु बहुत आहत हुए हैं.
पुलिस मामले की जांच में जुटी
पुलिस आयुक्त रुसियाते तुद्रवु ने इस घटना को लेकर हो रही नफरत भरी बयानबाजी पर चिंता व्यक्त की है. साथ ही शांति बनाए रखने की अपील की है. पुलिस आयुक्त तुद्रवु ने कहा कि पुलिस जांच कर रही है और हमले के पीछे के मकसद का पता लगा रही है.
फिजी की आर्य प्रतिनिधि सभा ने भी इस बर्बरता की कड़ी निंदा की है और इसे “बेहद परेशान करने वाला” बताया है. आर्य सभा ने एक बयान में कहा, आर्य सभा इस तरह की कार्रवाई को आपराधिक और धार्मिक स्वतंत्रता, आपसी सम्मान और शांति के मूल सिद्धांतों पर हमला मानती है.
आरोपी सैमुएला तवाके पर एक्शन
मंदिर में हुई तोड़फोड़ के बाद आरोपी को पकड़ा गया है. सोमवार को एक 28 वर्षीय व्यक्ति सुवा मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश हुआ, जिस पर कथित तौर पर बेअदबी और एक वस्तु फेंकने का आरोप लगाया गया है. स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सैमुएला तवाके को मानसिक मूल्यांकन तक दो हफ्ते के लिए हिरासत में भेज दिया गया है.
पूर्व अटॉर्नी जनरल ने उठाए सवाल
पूर्व अटॉर्नी जनरल सईद-खैयूम ने इस तोड़फोड़ के बाद प्रधानमंत्री सिटिवेनी राबुका को लेकर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, पीएम की तरफ से अभी तक इस “घृणा के गंभीर कृत्य” की निंदा करते हुए कोई बयान क्यों नहीं दिया गया है.
सईद-खैयूम ने कहा कि भारतीय-फिजियों पर हमलों में बढ़ोतरी हो रही है. पूजा स्थलों पर होने वाले कई हमलों की तो रिपोर्ट भी नहीं की जाती क्योंकि भारतीय-फिजियन समुदाय के कई लोगों ने यह उम्मीद छोड़ दी है कि इन मामलों पर कुछ एक्शन लिया जाएगा.
शिक्षा मंत्री ने भी की निंदा
शिक्षा मंत्री और सोडेल्पा पार्टी के नेता असेरी राड्रोड्रो ने भी एक फेसबुक पर पोस्ट कर इस तोड़फोड़ की निंदा की है. उन्होंने कहा, इस हरकत में शामिल युवाओं के किए गए “अनुचित कृत्य” पर दुख है. उन्होंने लिखा, एक ईसाई होने के नाते, मैं इस बात से बेहद चिंतित और दुखी हूं कि किसी ने ऐसा कृत्य करने का फैसला किया जिसका नस्लीय संबंधों पर तुरंत नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.