मध्य प्रदेश के श्रम, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने जल संकट के मद्देनजर नदी संरक्षण को लेकर उद्गम मानस यात्रा की शुरुआत की है. सत्ता सम्मेलन मंच पर प्रह्लाद सिंह पटेल ने उद्गम मानस यात्रा पर विस्तार से बात की. पटेल ने कहा कि वह अब तक 104 नदियों के उद्गम स्थल तक पहुंच चुके हैं. उनका टारगेट 108 नदियों के उद्गम स्थल तक पहुंचना है.
उनका उद्देश्य है कि स्थानीय लोगों की मदद से प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना है. उन्होंने साफ कहा कि हमें नदी को नाला बनाना बंद करना होगा, तभी नदियों का संरक्षण संभव है,
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश को नदियों का मायका कहा जाता है. अभी तक मैं 104 नदियों के उद्गम स्थल में गया हूं. मध्य प्रदेश सरप्लस वाटर स्टेट है. सीधे आपकी नदियां अरब सागर में मिल जाती है. किसी गांव में पानी का संकट है, तो हमें सोचना होगा कि इसका रास्ता कैसे निकाले? केवल आंकड़ों नहीं, मध्य प्रदेश में पानी का संकट है, तो इसमें हमें सोचने का दोष है.
नदी को नाला बनाना बंद करें… पटेल
उन्होंने साफ कहा कि नदी को नाला बनाना बंद करेंगे, तो समस्या खुद मिट जाएगी. हमारी गलती है कि हम नदी को नहर बनाने पर उतारू हैं. नदी को नाला बनाने की प्रवृति हमें रोकनी होगी. यदि हम नदी में कचड़ा नहीं डाले तो कभी गंदगी नहीं आएगी. सरकार सफाई करेगी, लेकिन जब स्त्रोत ही नहीं रहेगा, तो बड़ी नदियों को 12 मासी कैसे करेंगे? हम गंदगी को ठीक कर सकते हैं, कोरोना में कोई नदी गंदी नहीं दिखती थी.
मध्य प्रदेश में घोटालों पर प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि जब से डॉयरेक्ट खातों में पैसा जाने लगा है, पीएम मोदी के नेतृत्व में डॉयरेक्ट पैसा जाने का उपक्रम शुरू हुआ है तो रेयर ही ऐसी घटना हुई है. मेरे विभाग में जिंदा आदमी ने मरे आदमी का पैसा ले लिया. बाद में लोग पकड़े गए और पैसा वापस हो गया.
मध्य प्रदेश के विकास पर कही ये बात
शहर और गांव के विकास में अंतर पर उन्होंने सवाल किया कि इस तुलना का आधार क्या है? शहर से जुड़े पंचायतों के सामने ड्रेनेज और रोड कनेक्टिविटी जैसी समस्या है, हमने कमेटियां बनाईं. उपनगरीय व्यवस्था है. वहां मनरेगा का मजदूर नहीं मिलता है.
उन्होंने कहा कि सेमी अर्बन मॉडल क्या सेंट्रल की मदद के भरोसे या राज्य सरकार का पैसा लेकर बनेगा? उसकी कमेटी बनी. कुछ विसंगतियां हैं, लेकिन अंतर इतना नहीं है, जिसे पाटा नहीं जा सकता है. उन्होंने कहा कि सड़क, आदिवासी विकास, प्रधानमंत्री आवास, गैस आदि में मध्य प्रदेश नंबर वन है.