थक-हारकर यूनुस को भी भारत और बांग्लादेश के बीच पुराने रिश्तों पर लौटना पड़ा, भेजे 1000 किलो हरीभंगा

थक-हारकर यूनुस को भी भारत और बांग्लादेश के बीच पुराने रिश्तों पर लौटना पड़ा, भेजे 1000 किलो हरीभंगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मोहम्मद यूनुस

बांग्लादेश और भारत के रिश्तों में भले ही खटास आ गई हो, लेकिन आमों की मिठास अभी भी बरकरार है. पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना द्वारा शुरू की गई ‘आम कूटनीति’ को मोहम्मद यूनुस ने भी जारी रखा है. बांग्लादेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए प्रसिद्ध हरिभंगा आमों की एक खेप भेजी है. यूनुस के इस कदम से समझा जा रहा है कि भारत को बाईपास करने का उनका सपना पूरा नहीं हो सका है और उन्हें थक-हारकर भारत और बांग्लादेश के बीच पुराने रिश्तों पर लौटना पड़ रहा है.

यह आम पिछले साल सरकार बदलने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव के कम करने और ढाका और नई दिल्ली के बीच सद्भावना के प्रतीक के रूप में काम करेंगे. बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने दोनों पड़ोसियों के बीच दोस्ती का इजहार करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को एक हजार किलो हरिभंगा आम भेजे हैं. अधिकारियों ने जानकारी दी कि यह खेप सोमवार को नई दिल्ली पहुंचेगी.

पीएम मोदी को ही नहीं राज्य को भी भेजे गए आम

यूनुस सरकार ने ये आम सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नहीं भेजे हैं, बल्कि बांग्लादेश की सीमा से लगे राज्यों को भी आम भेजे गए हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा को भी खेप भेजी गई है.

बांग्लादेश में सांस्कृतिक संबंधों और क्षेत्रीय कूटनीति को मजबूत करने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री और राज्य के नेताओं को हर साल आम भेजने की एक पुरानी परंपरा रही है.

खास है हरीभंगा आम

हरीभंगा आम बांग्लादेश का लोकप्रिय आम है. इसकी ज्यादातर खेती रंगपुर जिले में होती है. इस आम का साइज बाकी आमों से बड़ा होता है और इसमें गूदा बहुत ज्यादा होता है. कोई-कोई आम तो 700 ग्राम तक का होता है. ये आम जून के तीसरे हफ्ते से शुरू होकर पूरी जुलाई मिलता है.