ड्यूटी पर जाते और लौटते समय हुए हादसे भी सेवा के दौरान माने जाएंगे, कर्मचारी मुआवजा कानून पर बोली सुप्रीम कोर्ट

ड्यूटी पर जाते और लौटते समय हुए हादसे भी सेवा के दौरान माने जाएंगे, कर्मचारी मुआवजा कानून पर बोली सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट.

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को साफ किया कि कर्मचारी क्षतिपूर्ति अधिनियम के एक प्रावधान में इस्तेमाल नौकरी के दौरान और उसके कारण हुई दुर्घटना वाक्यांश (फ्रेज) में निवास स्थान और कार्यस्थल के बीच आने-जाने के दौरान होने वाले हादसे भी शामिल होंगे. कोर्ट ने कहा कि बात जब काम पर जाते समय या घर लौटते वक्त कर्मचारियों के साथ होने वाली दुर्घटनाओं की आती है, तो अधिनियम की धारा-3 में इस्तेमाल इस फ्रेज को लेकर काफी संदेह और अस्पष्टता है.

कर्मचारी क्षतिपूर्ति अधिनियम, 1923 की धारा-3 क्षतिपूर्ति के लिए नियोक्ता के दायित्वों से संबंधित है. न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि तथ्यों के आधार पर विभिन्न फैसलों में इसकी अलग-अलग व्याख्या की गई है.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

उसने कहा कि हम कर्मचारी क्षतिपूर्ति अधिनियम की धारा-3 में इस्तेमाल फ्रेज वाक्यांश ‘नौकरी के दौरान और उसके कारण हुई दुर्घटना’ की व्याख्या इस प्रकार करते हैं कि इसमें किसी कर्मचारी के साथ उसके निवास स्थान से ड्यूटी के लिए कार्यस्थल तक जाने या ड्यूटी के बाद कार्यस्थल से उसके निवास स्थान तक लौटने के दौरान होने वाली दुर्घटना शामिल होगी, बशर्ते दुर्घटना घटित होने की परिस्थितियों, समय, स्थान तथा रोजगार के बीच संबंध स्थापित हो.

बंबई हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती

सुप्रीम कोर्ट ने बंबई हाईकोर्ट के दिसंबर 2011 के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया. हाईकोर्ट ने श्रमिक क्षतिपूर्ति आयुक्त और सिविल न्यायाधीश, उस्मानाबाद के उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें एक व्यक्ति के परिवार के सदस्यों को ब्याज सहित 3,26,140 रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया गया था. इस व्यक्ति की ड्यूटी पर जाते समय दुर्घटना में मौत हो गई थी.

कर्मचारी क्षतिपूर्ति अधिनियम पर सुनवाई

यह आदेश कर्मचारी क्षतिपूर्ति अधिनियम के तहत दायर एक दावे पर पारित किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मृतक एक चीनी फैक्टरी में चौकीदार के रूप में कार्यरत था और 22 अप्रैल 2003 को दुर्घटना के दिन उसकी ड्यूटी का समय तड़के तीन बजे से पूर्वाह्न 11 बजे तक था. पीठ ने कहा कि यह निर्विवाद है कि वह अपने कार्यस्थल की ओर जा रहा था और कार्यस्थल से लगभग पांच किलोमीटर पहले एक स्थान पर घटी दुर्घटना में उसकी मौत हो गई थी.