डोनाल्ड ट्रंप की बड़ी घोषणा, पाकिस्तान के ‘तेल भंडारों’ में करेगा अमेरिका निवेश

डोनाल्ड ट्रंप की बड़ी घोषणा, पाकिस्तान के ‘तेल भंडारों’ में करेगा अमेरिका निवेश

पाकिस्तान के साथ अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर विश्व राजनीति और व्यापार जगत को आश्चर्य में डाल दिया है। अमेरिका और पाकिस्तान मिलकर वहां “विशाल तेल भंडारों” को बनाने जा रहे हैं, ट्रंप ने Truth Social नामक सोशल मीडिया साइट पर कहा। साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भविष्य में भारत को तेल बेच सकता है।

ट्रंप का बयान और समझौते का विवरण

“हमने पाकिस्तान के साथ एक डील (US- PAK Trade Deal) फाइनल की है, जिसमें दोनों देश मिलकर उसके विशाल तेल भंडारों का विकास करेंगे,” ट्रंप ने अपने ट्वीट में कहा। हम अभी इस साझेदारी का नेतृत्व करने वाली तेल कंपनी चुन रहे हैं। भविष्य में शायद वे भारत को भी तेल बेचें! ”

पाकिस्तान के पास कितना तेल है?

अमेरिकी सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA) के अनुसार, पाकिस्तान (US- PAK Trade Deal) के पास करीब 332 मिलियन बैरल के सिद्ध तेल भंडार हैं, जो इसे दुनिया में 52वां सबसे बड़ा तेल भंडारधारी देश बनाते हैं। यह सूची में तुर्की के बाद और त्रिनिदाद और टोबैगो से आगे है। वहीं भारत के पास करीब 4.5 बिलियन बैरल तेल भंडार हैं, जिससे वह 23वें स्थान पर आता है।

अब तक अमेरिका का पाकिस्तान में निवेश सीमित

अब तक अमेरिका (US- PAK Trade Deal) की पाकिस्तान में आर्थिक भूमिका सीमित रही है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में अमेरिका से पाकिस्तान में सिर्फ $29 मिलियन का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आया। इसके विपरीत चीन ने $404 मिलियन का निवेश किया, जो पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा निवेशक बना।

व्यापार समझौते और टैरिफ छूट का असर

डोनाल्ड ट्रंप (US- PAK Trade Deal) की इस घोषणा से पहले ही पाकिस्तान और अमेरिका के बीच एक व्यापार समझौता हुआ। पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने वॉशिंगटन में अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीर और वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक से मुलाकात की। अगर यह समझौता नहीं होता, तो पाकिस्तान को 1 अगस्त से अमेरिका में निर्यात पर 29% टैरिफ का सामना करना पड़ता।

हालांकि इस नई डील से पाकिस्तान को राहत मिल सकती है, लेकिन नई टैरिफ दरों का आधिकारिक खुलासा अभी तक नहीं हुआ है।

भारत पर 25% टैरिफ और रूस से तेल खरीद पर पेनल्टी

इसी दिन ट्रंप ने भारत पर भी 1 अगस्त से सभी अमेरिकी निर्यात पर 25% टैरिफ और रूस से तेल खरीदने के चलते अतिरिक्त दंड की घोषणा कर दी। यह कदम भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता को बड़ा झटका दे सकता है, खासतौर पर जब डेडलाइन के महज कुछ दिन बाकी हैं।

ट्रंप की यह रणनीति अमेरिका के हितों की रक्षा के लिए की गई बताई जा रही है, लेकिन इससे भारत जैसे देशों को इंडोनेशिया और वियतनाम जैसे एशियाई प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले नुकसान हो सकता है।