केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित और दूरस्थ इलाकों में 400 नए बीएसएनएल मोबाइल टावर लगाने जा रही है। यह जानकारी ग्रामीण विकास और दूरसंचार राज्यमंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने रायपुर दौरे के दौरान दी। उन्होंने बताया कि यह योजना डिजिटल कनेक्टिविटी को अंतिम गांव तक पहुंचाने के मिशन का हिस्सा है।
रायपुर में हुई समीक्षा बैठक, विकास योजनाओं पर चर्चा
डॉ. चंद्रशेखर ने रायपुर (Chhattisgarh News) में आयोजित एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में दूरसंचार, ग्रामीण विकास, डाक विभाग और BSNL के अधिकारियों के साथ चर्चा की। बैठक में उन्होंने नक्सल क्षेत्रों में टावर लगाने की रणनीति साझा करते हुए बताया कि सुरक्षा बलों और वन विभाग से आवश्यक मंजूरी मिलने के बाद यह कार्य चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा।
4G सेवाओं से सशक्त होंगे गांव
राज्यमंत्री ने कहा कि BSNL देशभर में उच्च गुणवत्ता की 4G सेवाएं उपलब्ध करा रहा है। अब छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) के सुदूर क्षेत्रों में भी इन सेवाओं का विस्तार किया जाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों को डिजिटल सशक्तिकरण, ऑनलाइन शिक्षा, टेलीमेडिसिन और सरकारी सेवाओं तक सीधा पहुंच मिलेगी।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित और दूरस्थ इलाकों में डिजिटल संचार को सशक्त बनाने हेतु केंद्र सरकार 400 नए बीएसएनएल टॉवर लगाने की योजना पर कार्य कर रही है। निश्चित ही इससे राज्य के अंतिम गांव डिजिटली कनेक्ट होंगे। प्रदेश में संचार क्रांति को बढ़ावा मिलेगा। pic.twitter.com/xB6BJFwtc9
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) July 28, 2025
PMAY और PMGSY योजनाओं के क्रियान्वयन पर संतोष
बैठक (Chhattisgarh News) के दौरान डॉ. चंद्रशेखर ने राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY), प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) और PMAY-ग्रामीण के प्रभावी क्रियान्वयन पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं ग्रामीण भारत की आवासीय सुविधा और सड़क संपर्क को मजबूत कर रही हैं, जिससे गांवों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।
महिला सशक्तिकरण के लिए ‘पिंक ऑटो’ मॉडल
डॉ. चंद्रशेखर ने स्वयं सहायता समूहों (SHGs) की भूमिका की सराहना की और छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण (Chhattisgarh News) के लिए चल रही ‘पिंक ऑटो’ योजना को अनुकरणीय बताया। इस योजना के तहत महिलाओं को स्वामित्व वाले ऑटो रिक्शा उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे उन्हें आर्थिक आत्मनिर्भरता और रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि SHGs को विभिन्न योजनाओं से जोड़कर वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और मार्केटिंग सुविधाएं दी जा रही हैं, जिससे महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है और वे स्वरोजगार के रास्ते पर आगे बढ़ रही हैं।