ट्रंप बोले- हमास के पास 3 से 4 दिन का समय, अगर बात नहीं मानी तो अंजाम बुरा होगा

ट्रंप बोले- हमास के पास 3 से 4 दिन का समय, अगर बात नहीं मानी तो अंजाम बुरा होगा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हमास को शांति समझौते का जवाब देने के लिए 3 या 4 दिन का समय दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अरब, मुस्लिम देश और इजराइल सभी इस समझौते के लिए तैयार हैं. अब सिर्फ हमास की मंजूरी बाकी है. अगर हमास ने हां नहीं कहा, तो इसका अंजाम बहुत बुरा हो सकता है.

ट्रंप ने कहा कि वे सभी बंधकों की तुरंत वापसी चाहते हैं और हमास से अच्छा व्यवहार भी चाहते हैं. उन्होंने कहा कि यह काम बहुत खास है, जो पहले कभी नहीं हुआ. यह सिर्फ गाजा का मामला नहीं है, बल्कि पूरे मिडिल ईस्ट (मध्य पूर्व) का है. यह बहुत सीधी और साफ बात है.

अब सभी की निगाहें हमास पर टिकी

ट्रंप ने गाजा युद्ध खत्म करने के लिए 20 प्वाइंट का एक प्लान पेश किया है. ट्रंप के प्लान पर इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी सहमति जताई है. अब सभी की निगाहें हमास पर टिकी हैं. मुस्लिम देशों का रुख भी अहम रहा. सऊदी अरब, जॉर्डन, यूएई, कतर, इंडोनेशिया, तुर्की, पाकिस्तान और मिस्र के नेताओं ने इस योजना का स्वागत किया है. उनका कहना है कि क्षेत्रीय शांति के लिए यह एक अवसर हो सकता है, बशर्ते शर्तें पूरे हों और सुरक्षित रिहाई संभव हो.

क्या हैं डील की शर्तें

डील की मुख्य शर्तें स्पष्ट और कठोर हैं. हमास को अपने सशस्त्र विंग के सभी लड़ाकों को पूरी तरह हथियार छोड़ने होंगे. उसकी सुरंगें और हथियार निर्माण की सुविधाएं नष्ट कर दी जाएंगी. भविष्य की किसी सरकार में हमास को राजनीतिक भूमिका नहीं दी जाएगी. जो हमास के सदस्य शांतिपूर्ण जीवन अपनाने के लिए तैयार होंगे और सार्वजनिक रूप से माफी मांगेंगे, उन्हें माफ़ी मिल सकती है.

इजराइल की सेनाएँ धीरे-धीरे गाजा से पीछे हटेंगी और सीमाए खोली जाएगी ताकि मानवीय सहायता और निवेश आ सकें. डील के अनुसार, हमास को 20 जिन बंधकों को जिंदा रखा गया है, उन्हें और दो दर्जन मृत बंधकों की लाशों को 72 घंटे के अंदर रिहा करना होगा. साथ ही सैकड़ों गाजावासियों की रिहाई के लिए भी अदला-बदली की व्यवस्था निर्धारित है.

यदि हमास डील को अस्वीकार करता है तो इजराइल को पूरा अधिकार होगा और अमेरिका उसे समर्थन देगा. योजना के लागू होने पर गाजा के विस्फोटक उपकरणों को हटाना, स्थिर नागरिक प्रशासन बनाना और क्षेत्र में दीर्घकालिक स्थिरता लाना लक्ष्य बताया गया है.