जोधपुर में आज से RSS की अहम बैठक, राष्ट्रीय मुद्दों पर होगा मंथन, 32 संगठनों के प्रतिनिधि होंगे शामिल

जोधपुर में आज से RSS की अहम बैठक, राष्ट्रीय मुद्दों पर होगा मंथन, 32 संगठनों के प्रतिनिधि होंगे शामिल


संघ प्रमुख मोहन भागवत.

राजस्थान के जोधपुर में तीन दिनों तक चलने वाली संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक शुक्रवार 5 सितंबर से शुरू होगी. जोधपुर के लाल सागर इलाके में आदर्श स्कूल में ये बैठक सुबह 9 बजे से शुरू होगी और 7 सितंबर तक चलेगी. अलग-अलग क्षेत्र में काम करने वाले संघ के सभी 32 विविध संगठन उपस्थित रहेंगे. आरएसएस के सभी 32 अनुषांगिक संगठनों से करीब 249 प्रतिभागी बैठक में हिस्सा लेंगे.

विविध संगठन के अलावा आरएसएस के अखिल भारतीय अधिकारी समेत 71 प्रतिभागी इस बैठक में हिस्सा लेंगे. कुल मिलकर संघ और उसके अनुषांगिक संगठनों के 320 प्रमुख लोग इस बैठक में शामिल हो रहे हैं. सभी 32 संगठनों के राष्ट्रीय अध्यक्ष और संगठन मंत्री के अलावा कुछ प्रमुख अधिकारी उपस्थित होंगे. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन मंत्री बी एल संतोष जोधपुर पहुंच चुके हैं.

सभी ज्वलंत मुद्दे पर चर्चा

समन्वय बैठक में संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले का उद्बोधन भी होगा. संघ प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर के मुताबिक इस समन्वय बैठक में संघ के सभी अनुषांगिक अपनी वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे. साथ ही देश की मौजूदा परिस्थितियों के बारे में विस्तृत चर्चा होगी. साथ ही अलग क्षेत्रों की मौजूदा परिस्थिति के बारे में भी चर्चा होगी.

बैठक में पंजाब, पश्चिम बंगाल और नॉर्थ ईस्ट के बारे में वहां काम कर रहे अनुषांगिक संगठन के प्रतिनिधि और संघ के अधिकारी अपने अपने अनुभव और आंकलन साझा करेंगे और उस पर अनुकरणीय विषयों को अमल में लाया जाएगा. संघ का कहना है कि अखिल भारतीय समन्वय बैठक में किसी तरह का निर्णय नहीं होता है मगर हरेक ज्वलंत मुद्दे पर चर्चा जरूर होती है.

नहीं लाया जाएगा कोई प्रस्ताव

संघ के तरफ साफ कहा गया कि इस बैठक में कोई निर्णय या प्रस्ताव नहीं लाया जाएगा. मुख्य तौर पर इस बैठक के जरिए आरएसएस अपने विभिन्न संगठनों में बीच परस्पर संबंधों को प्रगाढ़ करने और आपसी समन्वय बनाने का काम करता है. दरअसल आरएसएस से जो संगठन शिक्षा, आर्थिक, मजदूर, स्वास्थ्य के क्षेत्रों में काम करते हैं उनको उसमें क्या दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, उसपर वो सरकारों के साथ अपनी मांगे रखते हैं. उनकी क्या जरूरत है इन सब विषयों पर चर्चा होगी. आंबेकर ने कहा कि “विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले हमारे संगठन वहां की कमियों को लेकर सरकारों के पास जाते हैं. वे सभी उनके काम आने वाली दिक्कतों को भी बताएंगे.

बैठक के एजेंडा में जनजातीय क्षेत्रों में चल रहे काम को आगे बढ़ाने को लेकर चर्चा होगी. क्योंकि इस क्षेत्र में सरकारों का भी जोर है लिहाजा इस काम में सबको जोड़ने का प्रयास और जनजातीय क्षेत्रों में अब तक के अनुभव को संघ के लोग साझा करेंगे. दूसरा एक हम मुद्दा जिस पर बैठक में चर्चा होगी वो है “राष्ट्रीय शिक्षा नीति”. राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर समन्वय बैठक में विस्तृत चर्चा होगी.

संघ शताब्दी वर्ष पर चर्चा

एक महत्वपूर्ण मुद्दा 100 पूरे होने पर मनाए जा रहे संघ शताब्दी वर्ष जो 2 अक्टूबर को विजयदशमी से चलाए जाएगा. उसमें संघ से जुड़े सभी अनुषांगिक संगठन अपने अपने स्तर पर कैसे मनाएंगे. उसमें बीजेपी समेत सभी विविध संगठन क्या योगदान दे रहे हैं और उनकी रणनीति है, क्या गतिविधियां चलाने की योजना है इस पर चर्चा होगी.

शताब्दी वर्ष के निमित संघ की रणनीति है कि 2 अक्टूबर को नागपुर में लाखों स्वयंसेवकों के साथ संघ के गणवेश में शुरू होने वाला पथ संचालन का कार्यकम उसके बाद अगले एक हफ्ते के अंदर समूचे देश के बड़े शहरों में बड़ी संख्या के साथ संघ के गणवेश में पथ संचालन का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. नागपुर के अलावा विजयादशमी उत्सव को अलग अलग जगह पर कैसे मनाया जाएगा. इस पर विचार और चर्चा होगी. इस मुद्दे पर संघ प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि नागपुर से शुरू होकर देश के विभिन्न जगहों पर एक हफ्ते में गणवेश में संघ के स्वयंसेवक भाग लेंगे. इस पर चर्चा होगी.

इसके साथ ही शताब्दी वर्ष के लिए आरएसएस ने जो अन्य विषय तय किए हैं. उनको विभिन्न अनुषांगिक अपने अपने स्तर पर कैसे लागू करेंगे इसको लेकर चर्चा की जाएगी. इस दौरान एक प्रश्न के जवाब में सुनील आंबेकर ने साफ कहा कि बीजेपी स्वयं सक्षम है अपने निर्णय लेने के लिए वो अपना काम स्वयं करेंगे. संघ के सरसंघचालक जी ने इस पर अपना मत पहले ही व्यक्त कर दिया है. आगे इस पर कोई चर्चा नहीं है.