जेएएच में मरीजों की दलाली का खेल, जिम्मेदार मौन

ग्वालियर जयारोग्य अस्पताल में मरीजों के दलाल हावी हैं। वह मरीजों को डाक्टरों के सामने ही बरगला कर निजी अस्पताल में ले जा रहे हैं। हालात यह है कि ट्रामा सेंटर और आकस्मिक उपचार केंद्र पहुंचते ही मरीज गायब हो जाता है। मरीजों की दलाली में एंबुलेंस चालक से लेकर मेडिकल स्टोर संचालक और कुछ डाक्टर भी शामिल हैं, जो खुलेआम मरीजों को अस्पताल से निकाल ले जाते हैं।

बावजूद इसके जीआरएमसी से लेकर जेएएच प्रबंधन मौन है। बुधवार को माधव डिस्पेंसरी परिसर में गोलीबारी इस बात की पुष्टि करती है कि यहां रोजाना मरीजों को गायब करने का काम चल रहा है। गोलीबारी के बाद जीआरएमसी प्रबंधन घटना पर चिंता जताने तक सीमित रहा। इतना ही नहीं इस घटना के बाद अस्पताल की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं, जबकि अस्पताल की सुरक्षा को लेकर लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव तक जीआरएमसी प्रबंधन को पत्र लिख चुके हैं।

बावजूद इसके अब तक अस्पताल में सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए। डाक्टर के साथ भी हो चुकी है मारपीट: दलालों की दलाली में जो कोई भी अवरोध पैदा करता है उसकी मारपीट कर दी जाती है। वर्ष 2022 में माधव डिस्पेंसरी की कैजुअल्टी में डा. अदित्य तिवारी से मारपीट तक कर दी गई थी। यहां 10 से 15 गुंडे आ धमके थे। वे सरकारी कागज तक छीनकर ले गए थे।

अधिष्ठाता ने जताई चिंता

ट्रामा सेंटर में असामाजिक तत्वों द्वारा आपसी संघर्ष में गोलीबारी की घटना को जीआरएमसी के अधिष्ठाता डा.आरकेएस धाकड़ ने संज्ञान में लेकर पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर अस्पताल में हुई घटना पर चिंता व्यक्त की। इसके अतिरिक्त संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक जयारोग्य डा. सुधीर सक्सेना को सुरक्षा व्यवस्था मजबूत बनाने और असमाजिक तत्वों को परिसर से बाहर करने के लिए निर्देशित है। साथ ही घटना की रिपोर्ट भी मांगी है।

रात में बाहर जमे दलाल करते हैं मरीजों का सौदा

रात में ट्रामा के बाहर मरीजों की दलाली करने वाले निजी अस्पतालों के दलालों का कब्जा हो जाता है। एंबुलेंस से मरीज के आते ही यह दलाल स्वजन के पीछे लग जाते हैं। स्वजन से सरकारी अस्पताल में इलाज न मिलने की बात कहकर मरीजों ले जाते हैं।

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