जिसे अनाथ आश्रम से गोद लिया था, उसी ने मारकर लाश को बाथरूम में चुन दिया, फांसी की सजा

जिसे अनाथ आश्रम से गोद लिया था, उसी ने मारकर लाश को बाथरूम में चुन दिया, फांसी की सजा

वृद्ध उषा देवी तुलसी पर जल चढाने के लिए छत पर जा रही थी, तभी दीपक ने उसे आधे जीने से नीचे धक्का देकर पटक दिया। जिससे उषा देवी नीचे पर्स पर जाकर पडी और उसका सिर लहूलुहान हो गया। इसके बाद दीपक ने मां उषा देवी के सिर में लोहे की रॉड से सिर में तीन चार बार किए।

मां की हत्या करने के बाद उसके शव को घर के बाथरूम में चुन देने वाली जघन्य वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी बेटे को अपर सत्र न्यायाधीश श्योपुर एलडी सोलंकी की अदालत ने फांसी सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश ने फांसी की सजा के साथ ही दो हजार रूपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। यह सनसनीखेज वारदात एक साल पहले श्योपुर शहर की रेलवे कॉलोनी में घटित हुई थी। इस मामले में शासन की ओर से पैरवी लोक अभियोजक राजेन्द्र जाधव ने की है। जिले के इतिहास में न्यायालय के द्वारा फांसी का सजा सुनाए जाने का यह दूसरा मामला है। इसके पहले वर्ष 2004 में श्योपुर के तहसील स्तरीय न्यायालय ने तब फांसी की सजा सुनाई,जब श्योपुर जिला तो बन गया था,लेकिन यहां जिला सत्र न्यायालय की स्थापना नहीं हुई थी।

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यह है पूरा मामला

  • लोक अभियोजक राजेन्द्र जाधव ने बताया कि आरोपी दीपक पचौरी पुत्र भुवनेश पचौरी निवासी रेलवे कॉलोनी श्योपुर ने 8 मई 2024 को कोतवाली थाने में दो दिन पहले उसकी मां उषा देवी के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई।
  • तत्कालीन कोतवाली टीआई योगेन्द्र सिंह जादौन ने गुमशुदगी दर्ज कर जब दीपक पचौरी से पूछताछ की तो उसके बयान संदिग्ध नजर आए।
  • इसके बाद पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए पूछा तो उसने उसकी मां उषा देवी की हत्या कर शव घर के अंदर सीढ़ी के नीचे बने बाथरूम में चुन दिए जाने की बात उगल दी।
  • आरोपी दीपक पचौरी ने अपनी मां की हत्या भी काफी बेरहमी से की थी। पुलिस के मुताबिक जब 6 मई को वृद्ध उषा देवी तुलसी पर जल चढाने के लिए छत पर जा रही थी, तभी दीपक ने उसे आधे जीने से नीचे धक्का देकर पटक दिया।
  • इससे उषा देवी नीचे पर्स पर जाकर पडी और उसका सिर लहूलुहान हो गया। इसके बाद दीपक ने मां उषा देवी के सिर में लोहे की रॉड से सिर में तीन चार बार किए।
  • इससे वह अधमरी हो गई और फिर साडी से उसका गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी और फिर शव को घर के अंदर सीढियों के नीचे बने बाथरूम के अंदर सीमेंट से चुन दिया।

अनाथ आश्रम से दीपक को लिया था गोद, पैसों के लिए मां को मारा

  • आरोपी दीपक पचौरी उषा देवी का गोद लिया बेटा है। दरअसल उषा देवी और उसके पति भुवनेश पचौरी के कोई संतान नहीं थी।
  • इसलिए उन्होने वर्ष 2004 में ग्वालियर के अनाथ आश्रम से दीपक को गोद लिया था और उसे अपने बुढापे का सहारा बनाने तथा अच्छा नागरिक बनाने के लिए खूब पढाया और लिखाया।
  • इसके बाद पिता भुवनेश ने 16 लाख रूपए की एफडी करा दी,जिसमें दीपक को नॉमिनी बना दिया। दीपक को गलत शौक लग गए।
  • पिता भुवनेश की मौत 2021 में होने के बाद दीपक ने 16 लाख रूपए की राशि बैंक से निकाल ली।
  • इसमें उसने दो लाख से अधिक रूपए ने अपने शौक में उडा दिए और 14 लाख रूपए शेयर मार्केट में लगा दिया,जिसमें उसे घाटा लग गया।
  • अपनी मां के नाम से बैंक में जमा 32 लाख रुपए पर दीपक की नजर पड़ गई।
  • क्योंकि इसमें भी वही नॉमिनी था,इसलिए उसने 32 लाख रूपए लेने के लिए योजना बनाकर मां की हत्या कर उसके शव को बाथरूम में चुन दिया।