राजधानी रायपुर और इसके आसपास के इलाके जल्द ही स्टेट कैपिटल रीजन (एससीआर) के रूप में विकसित होंगे। खास बात यह है कि रायपुर से दुर्ग तक मेट्रो रेल सेवा की भी सुविधा मिलेगी। इसके सर्वे और डीपीआर तैयार करने के लिए सरकार ने पांच करोड़ रुपये का बजट प्रविधान किया है।
इस पहल को राज्य के विकास का नया ग्रोथ इंजन माना जा रहा है। विधानसभा में स्टेट कैपिटल रीजन संबंधी छत्तीसगढ़ राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण विधेयक- 2025 पारित होने के बाद काम ने रफ्तार पकड़ ली है। रायपुर, दुर्ग, भिलाई, नवा रायपुर अटल नगर क्षेत्र एससीआर के दायरे में आएंगे।
इसे दिल्ली-एनसीआर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। छत्तीसगढ़ देश के मध्य में स्थित है और व्यापार, उद्योग व वाणिज्य का केंद्र बनने की ओर बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव की पहल
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर एससीआर के तहत योजनाबद्ध और शहरी विकास की योजना तैयार की गई है। इससे राजधानी व आसपास के शहरों में प्लानिंग के साथ विकास होगा। ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी, इंफ्रास्ट्रक्चर, बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार, नागरिक सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।
2031 तक 50 लाख पहुंचेगी आबादी
राजधानी क्षेत्र में 2031 तक 50 लाख से अधिक की आबादी का अनुमान है। बढ़ती आबादी और शहरीकरण को ध्यान में रखते हुए राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण बनाया जाएगा। यह प्राधिकरण दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद की तरह काम करेगा।
पांच करोड़ से बनेगा डीपीआर
2024-25 के बजट में एससीआर कार्यालय की स्थापना, सर्वे और डीपीआर बनाने के लिए पांच करोड़ का प्रविधान किया गया है। प्राधिकरण के लिए कार्यकारी समिति भी बनेगी, जिसके अध्यक्ष सीईओ होंगे। इसमें नगर एवं ग्राम निवेश, नगरीय प्रशासन, शहरी योजनाकार, अभियंता, पर्यावरण व वित्त विभाग के अधिकारी, एससीआर अंतर्गत जिलों के कलेक्टर सदस्य रहेंगे।
विकास निधि बनेगी, खास उपकर लगाने का अधिकार
एससीआर के विकास के लिए राजधानी क्षेत्र विकास निधि बनाई जाएगी। साथ ही एक अलग पुनरावृत्ति निधि भी होगी। प्राधिकरण को अवसंरचना परियोजनाओं के लिए विशेष उपकर लगाने का अधिकार होगा। यह वार्षिक बजट बनाएगा और हर साल राज्य सरकार को प्रगति रिपोर्ट सौंपेगा।
प्राधिकरण का व्यापक उद्देश्य
एससीआर प्राधिकरण न केवल विकास योजनाएं बनाएगा, बल्कि निवेश को आकर्षित करने, आर्थिक योजनाओं को लागू करने, सरकारी व निजी हितधारकों के बीच समन्वय बनाने और अधोसंरचनात्मक विकास को बढ़ावा देने का काम भी करेगा। राज्य सरकार को उम्मीद है कि यह राजधानी और आसपास के क्षेत्रों को विकास की नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
मुख्यमंत्री साय होंगे प्राधिकरण के अध्यक्ष
एससीआर विकास प्राधिकरण का नेतृत्व मुख्यमंत्री करेंगे। इसमें नगरीय प्रशासन, पर्यावरण, लोक निर्माण मंत्री, मुख्य सचिव, विभागीय सचिव और चार विधायक शामिल होंगे। चार निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को भी सदस्य बनाया जाएगा। प्राधिकरण का मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईटो) संयोजक होंगे। भूमि उपयोग और पर्यावरण के अनुकूल योजनाबद्ध विकास सुनिश्चित करना इसकी प्रमुख जिम्मेदारी होगी।