जंजीरों से पीटा, जलती हुई बाती हथेलियों पर रखी, माथे पर गर्म सिक्का चिपकाया…’ उज्जैन में भूत प्रेत के नाम पर महिला से हैवानियत

जंजीरों से पीटा, जलती हुई बाती हथेलियों पर रखी, माथे पर गर्म सिक्का चिपकाया…’ उज्जैन में भूत प्रेत के नाम पर महिला से हैवानियत


मध्य प्रदेश के उज्जैन से इंसानियत को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है. यहां अंधविश्वास के नाम पर एक शादीशुदा महिला पर बर्बरता की हदें पार कर दी गईं. महिला पर भूत-प्रेत का साया बताकर उसे लोहे की जंजीरों से पीटा गया, जलती हुई बाती उसकी हथेलियों पर रखी गई और माथे पर गर्म सिक्का चिपका दिया गया. ढाई घंटे तक झाड़-फूंक का यह खेल चला, जब वह बेहोश हुई, तब जाकर उसे छोड़ा गया. यह घटना उज्जैन से करीब 70 किलोमीटर दूर खाचरोद तहसील के श्रीवच गांव में हुई.

पीड़िता की उम्र 22 साल है. वह उज्जैन शहर के जूना सोमवारिया क्षेत्र की रहने वाली है. वह अगरबत्ती फैक्ट्री में काम करती है और पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रही थी. इसी बीच, उसके कुछ रिश्तेदारों ने यह कहकर उसे मायके बुलाया कि उस पर भूत-प्रेत का साया है और झाड़-फूंक से ठीक हो जाएगी. उर्मिला अपनी मां हंसा बाई के साथ 29 सितंबर, नवरात्रि की सप्तमी के दिन श्रीवच गांव पहुंची.

कमरे में ले जाकर तांत्रिक अनुष्ठान

गांव में महिला का रिश्तेदार झाड़-फूंक करने का काम करता है. उसने उर्मिला को एक कमरे में ले जाकर तांत्रिक अनुष्ठान शुरू कर दिया. कमरे में देवी-देवताओं की कई तस्वीरें टंगी थीं. उर्मिला ने पुलिस को बताया कि तभी सुगाबाई नाम की एक महिला चुनरी ओढ़कर कमरे में आई, जिसके एक हाथ में खप्पर और दूसरे हाथ में तलवार थी. उसने कहा कि उर्मिला में चुड़ैल घुस गई है. उर्मिला ने कई बार कहा कि उसे कोई परेशानी नहीं है, लेकिन उसकी बात किसी ने नहीं सुनी.

इसके बाद कमरे में मौजूद दो पुरुष और एक महिला झाड़-फूंक करने लगे. उन्होंने उर्मिला के सिर पर लोहे की जंजीर से वार किया, उल्टी तलवार से पीठ पर मारा. जलती हुई बाती उसकी हथेलियों पर रख दी और माथे पर गर्म सिक्का चिपका दिया. यह क्रूरता रात साढ़े नौ बजे से लेकर आधी रात तक चली. उर्मिला दर्द से तड़पती रही, लेकिन कोई उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया. अंततः जब वह बेहोश होकर गिर पड़ी, तब जाकर झाड़-फूंक करने वालों ने उसे छोड़ा.

अगले दिन सुबह गांव के ही उपसरपंच ने उसकी हालत देखकर उसे उज्जैन शहर लाया और अस्पताल में भर्ती कराया. तबीयत बिगड़ने के कारण उर्मिला तुरंत पुलिस के पास नहीं जा सकी. कुछ दिन बाद जब उसकी हालत थोड़ी सुधरी, तो वह अपनी मां के साथ महिला थाने पहुंची और पूरी आपबीती सुनाई.

क्या बोलीं महिला थाना प्रभारी?

महिला थाना प्रभारी लीला सोलंकी ने बताया कि एसपी प्रदीप शर्मा के निर्देश पर पीड़िता को तत्काल उपचार के लिए शासकीय चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है. उसके शरीर पर गंभीर चोटें और जलने के निशान हैं. पुलिस ने मामले में कुल आठ लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 115(2), 118(1) और 3(5) के तहत मुकदमा दर्ज किया है.

आरोपियों में संतोष चौधरी, कान्हा चौधरी, राजू चौधरी, रितेश चौधरी, कान्हा भील, मनोहर और सुगाबाई के नाम शामिल हैं. इनमें से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि बाकी की तलाश जारी है. पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि उर्मिला की शादी छह साल पहले गौतमपुरा में हुई थी, लेकिन जब उसने बेटी को जन्म दिया तो उसके पति ने यह कहकर उसे छोड़ दिया कि उसे लड़का चाहिए था. तब से वह अपनी मां के साथ उज्जैन में रह रही है.