बांग्लादेश की सत्ता संभाले हुए मोहम्मद यूनुस को लगभग 10 महीने हो गए हैं, लेकिन देश के हालात दिन बा दिन बिगड़ते जा रहे हैं. यूनुस ने सत्ता संभालते हुए देशवासियों को जो सपने दिखाए थे, उनको अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है. राजनीतिक दलों के दबाव के बाद अंतरिम सरकार दिसंबर से जून 2026 तक चुनाव कराने की बात कर चुकी है, लेकिन अब यूनुस के सहयोगी ने ही उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
राष्ट्रीय नागरिक पार्टी (NCP) ने रविवार शाम राजशाही में ‘जुलाई पोडोजात्रा और पोथोसोभा’ का आयोजन किया, जिसका मकसद लोकतांत्रिक सुधारों और सत्ता के विकेन्द्रीकरण के लिए अपना आह्वान को दोहराना था. NCP उन्ही छात्रों द्वारा बनाई गई पार्टी है, जो शेख हसीना के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों का चेहरा थे. इन्ही छात्रों ने यूनुस को देश का मुख्य सलाहकार बनाने का फैसला किया था. अब यही लोग देश में लोकतांत्रिक सुधारों और सत्ता के विकेन्द्रीकरण की मांग कर रहे हैं.
सुधारों का सपना नहीं हुआ पूरा
एक भीड़ को संबोधित करते हुए NCP संयोजक नाहिद इस्लाम ने कहा, “यह पीढ़ी बांग्लादेश के लिए एक नए लोकतांत्रिक संविधान का वादा करती है, ऐसा संविधान जो अपने लोगों के अधिकारों को सुनिश्चित करेगा और निरंकुशता को खत्म करेगा.”
5 अगस्त की घटनाओं का जिक्र करते हुए नाहिद ने कहा, “हमने सुधारों के जरिए बांग्लादेश के पुनर्निर्माण का सपना देखा था. लेकिन 5 अगस्त के बाद विभिन्न ताकतों ने उस रास्ते को अवरुद्ध कर दिया है. जो लोग सुधार के रास्ते में खड़े हैं, उन्हें लोग कभी माफ नहीं करेंगे.”
नाहिद ने ये भी कहा कि इन सुधारों को चुनावों से पहले ही पूरा किया जाना चाहिए. नाहिद यूनुस के करीबी माने जाता है, लेकिन अब वह अंतरिम सरकार पर काम करने और अपने वादों को पूरा करने का दबाव बना रहे हैं.
कब होंगे बांग्लादेश में चुनाव?
दबाव और विरोध के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने ऐलान किया है कि देश में आम चुनाव दिसंबर से जून 2026 तक करा दिए जाएंगे. यूनुस लंबे समय से चुनावों को टाल रहे थे, लेकिन अब उन्होंने वादा किया हैं कि वह जून 2026 से आगे कुर्सी नहीं संभालेंगे.