ग्वालियर में आंबेडकर पर विवादित टिप्पणी से मचा बवाल, FIR दर्ज, हुए विरोध प्रदर्शन

ग्वालियर में आंबेडकर पर विवादित टिप्पणी से मचा बवाल, FIR दर्ज, हुए विरोध प्रदर्शन


डॉ भीमराव आंबेडकर और वकील अनिल मिश्रा.

मध्य प्रदेश के ग्वालियर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट अनिल मिश्रा द्वारा संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर के खिलाफ विवादित टिप्पणी से बवाल मच गया है. अनिल मिश्रा के समर्थन और विरोध में प्रदर्शन किये जा रहे हैं. अनिल मिश्रा के समर्थन में ग्वालियर से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन अब भोपाल, रतलाम, इंदौर और जबलपुर सहित कई जिलों में फैल गया है. आदिवासी, दलित और बहुजन संगठनों के साथ-साथ भाजपा, कांग्रेस और आजाद समाज पार्टी ने भी इस बयान की कड़ी निंदा की है.

दूसरी ओर, ग्वालियर में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की जिला इकाई के पूर्व अध्यक्ष अनिल मिश्रा के समर्थन में बड़ी संख्या में वकील एकजुट हुए थे.

बाबा साहब आंबेडकर को लेकर विवादित टिप्पणी करने के मामले में पुलिस ने वरिष्ठ अभिभाषक अनिल मिश्रा के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की थी. इसके खिलाफ प्रदर्शन किया गया था.

विवादित बयान पर एफआईआर दर्ज

हाल ही में ग्वालियर के क्राइम ब्रांच थाने में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की जिला इकाई के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल मिश्रा के विरुद्ध एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी. इसके अनुसार अनिल मिश्रा एडवोकेट पर आरोप है कि उन्होंने बाबा साहब आंबेडकर के विरुद्ध विवादित बयान दिया है.

इसके बाद अनिल मिश्रा समर्थकों के साथ गिरफ्तारी देने एसपी ऑफिस पहुंच गए थे, लेकिन पुलिस ने उनको गिरफ्तार नहीं किया और एक नोटिस सर्व किया और उस पर जवाब मांगा था.

अनिल मिश्रा के समर्थकों का कहना है कि पुलिस अनिल मिश्रा एडवोकेट के विरुद्ध एक तरफा कार्रवाई कर रही है. पुलिस उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है, जो हिंदू-देवी देवताओं और स्वर्ण समाज को लगातार अपमानित कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर विवादास्पद पोस्ट शेयर कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी वकीलों की मांग है कि अनिल मिश्रा के विरुद्ध दर्ज एफआईआर वापस ली जाए.

अनिल मिश्रा के विरोध में प्रदर्शन

दूसरी ओर, भोपाल में मध्य प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग ने आंबेडकर के खिलाफ टिप्पणी के मामले में प्रदर्शन किया. मध्य प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार के नेतृत्व में वकील का पुतला जलाया और तत्काल कार्रवाई की मांग की गई.

प्रदीप अहिरवार ने कहा कि यह केवल किसी शख्स पर हमला नहीं, बल्कि संविधान की आत्मा और न्यायपालिका की गरिमा पर हमला है. डॉ बाबा साहब आंबेडकर के अपमान को देश का करोड़ों अनुयायी वर्ग कभी बर्दाश्त नहीं करेगा.